Dekh Sakhi Dai Mai Lyrics
देखू सखि दाइ माइ, ठकलक बभना आइ
पहिने सुनैत छलियनि जस तीन भुवन,
आब सुनैत छियनि घर नहि आंगन
भोला के माय-बाप नहि केयो छनि अपना
गौरी के सासु-ननदि सब सपना
गौरी तप कयलनि रात दिना,
तिनका एहन बर देल विधना
भनहि विद्यापति सुनू मैना,
नाचथि सदाशिव भरि अंगना
रचनाकार : विद्यापति
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