शनिवार, 10 अक्तूबर 2020

शिव हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा लिरिक्स

Herab Tohar Batiya Katek Dinma Lyrics

कतेक दिनमा हो, कतेक दिनमा हो, कतेक दिनमा
शिव हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा
भोला हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा।

माटी के कोड़ि कोड़ि बनायल महादेव,
सुख के कारण शिव पूजत महेश, हो कतेक दिनमा
बाबा हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा।

तोड़ल बेलपत्र, सेहो सूखि गेल
जिनका लेल तोड़ल, सेहो रूसि गेल, कतेक दिनमा
बाबा हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा।

काशी में ताकल, ताकल प्रयाग, 
ओतहि सुनल शिव गेला कैलाश, कतेक दिनमा
बाबा हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा।

काशी में ताकल, ताकल प्रयाग,
ओतहि सुनल शिव गेला कैलाश, कतेक दिनमा
बाबा हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा।

सबहक बेर शिव लिखि पढि देल,
हमरहि बेर कलम टुटि गेल हे, कतेक दिनमा
बाबा हेब तोर बटिया कतेक दिनमा।

भनहि विद्यापति सुनू हे महेश,
दरिद्रहरण करू मेटत कलेश, कतेक दिनमा
बाबा हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा,
शिव हेरब तोर बटिया, कतेक दिनमा।

भोला हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा,
कतेक दिनमा हो, कतेक दिनमा हो, कतेक दिनमा
भोला हेरब तोर बटिया कतेक दिनमा।

रचनाकार : विद्यापति

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