गुरुवार, 17 जुलाई 2025

पुर्णिमा के चान जकाँ लिरिक्स - Purnima Ke Chand Jaka Lyrics

पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ,
हे छोड़ू ये, साज श्रृंगार,
ओहिना चमकैत छी ये,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ,
हे छोड़ू ये,
छोड़ू ये कनियाँ काजर छोड़ू,
छोड़ू ये कनियाँ फैशन छोड़ू,
छोड़ू ये कनियाँ काजर छोड़ू,
छोड़ू ये कनियाँ फैशन छोड़ू,
हे छोड़ू ये, साज श्रृंगार,
ओहिना चमकैत छी ये,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ…..

अँइख काजर बिन कारी,
ठोरहक मधुरिम लाली,
लोच लजाबै पुरबा,
पवन बसंत मतवाली,
हे छोड़ू ये, साज श्रृंगार,
ओहिना चमकैत छी ये,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ…..

झनन झनन झिंगुर बाजै,
खनन खनन हाथक चूड़ी,
कोयल की बाजत ऐहेन,
मधुर लेबल बोली,
हे छोड़ू ये, साज श्रृंगार,
ओहिना चमकैत छी ये,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ…..

जेकरा पठाओल बिधना,
गढ़ि कऽ सुन्दर नारी,
तकरो निहारैत हेता,
मोन में अचरज भारी,
हे छोड़ू ये, साज श्रृंगार,
ओहिना चमकैत छी ये,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ,
हे छोड़ू ये,
छोड़ू ये कनियाँ काजर छोड़ू,
छोड़ू ये कनियाँ फैशन छोड़ू,
छोड़ू ये कनियाँ काजर छोड़ू,
छोड़ू ये कनियाँ फैशन छोड़ू,
हे छोड़ू ये, साज श्रृंगार,
ओहिना चमकैत छी ये,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ,
पुर्णिमा के चान जकाँ, चमकैत छी आहाँ।

(गायक - कुंज बिहारी मिश्रा)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !