सोमवार, 29 दिसंबर 2025

फेरु नयन से अम्बे अपन पुत्र जानी क लिरिक्स - Pheru Nayan Se Ambe Lyrics

फेरु नयन से अम्ब अपन पुत्र जानी कऽ
ककरा कहु दुखरा सघन कानी कानी कऽ
फेरु नयन से अम्ब...

जगतारणी दुख हारनी हे माई छी अहाँ -2
माताक चरण छोड़ सरण जाइ हम कहां 
आँचर के छाह दान दि नीह मान कऽ
ककरा कहु दुखरा सघन कानी कानी कऽ
फेरु नयन से अम्ब... 

माया महान ध्यान सं सबहक सुनैत छी -2
गलती लेल माई हम माफी मंगौत छी
दारुन कथा अति दीन के सुनियो अकान कऽ
ककरा कहु दुखरा सघन कानी कानी कऽ
फेरु नयन से अम्ब... 

जिंदगी के सऽख बिंदु पर घिरनी बना देलौं -2
दर्शन लै हमर आँखि कै हिरनी बना देलौं
आशीष धुनि लऽ चंद्रमणि बैसल यै ठानी कऽ
ककरा कहु दुखरा सघन कानी कानी कऽ
फेरु नयन से अम्ब... 

स्वर, गीत: चंद्रमणि झा

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