आयल छी बड़ी दूर सं लऽ फूल कऽ डाली
करूणामयी करुणा करू अम्बे महा काली
आयल छी बड़ी दूर सं लऽ फूल कऽ डाली
करूणामयी करुणा करू अम्बे महा काली
आयल छी बड़ी दूर सं
माते गोसाउनि छी अहाँ आराधना सुनियो
पूजा करि हम पूर्ण मनोकामना करियो
माते गोसाउनि छी अहाँ आराधना सुनियो
पूजा करि हम पूर्ण मनोकामना करियो
अंतरयामी छी अम्बे की अर्जी सुनाबि
करूणामयी करुणा करू अम्बे महा काली
आयल छी बड़ी दूर सं
भैरवी भयहारनी उधार करू माँ
कण्ठ परहक कंस के संघार करू माँ
भैरवी भयहारनी उधार करू माँ
कण्ठ परहक कंस के संघार करू माँ
विणाक संग वाणी दिअ रागनी गाबि
करूणामयी करुणा करू अम्बे महा काली
आयल छी बड़ी दूर सं
नारायण के घर लक्ष्मी दिनों के घर अबियो
निर्धन के घरे रुखल सुखल भाव सं पबियो
नारायण के घर लक्ष्मी दिनों के घर अबियो
निर्धन के घरे रुखल सुखल भाव सं पबियो
चंद्रमणि मेवा मधुर आब कोन विध लाबि
करूणामयी करुणा करू अम्बे महा काली
आयल छी बड़ी दूर सं...।
गीत: चंद्रमणि झा
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