शुक्रवार, 17 जनवरी 2025

उठाय जननी है, उठाय जननी लिरिक्स - मैथिली सरस्वती वंदना

Uthay Janani He Uthay Janani Lyrics

उठाय जननी हे, उठाय जननी
तनि ताकू आब नजरि उठाय जननी। 

दुनिया के आशा मे जीवन गमा ओल 
ज्ञानक बिना शान्ति कहियो ने पाओल 
ठगि लेल माया महान ठगनी हे

पओल जगतमे न संकट निवारण 
रहलहुँ अहाँ माता अधम उधारन 
सूझय न मारग अन्हार जननी हे

सब जग सराहथि माता के ममता
माता के देखल अपरिमित क्षमता
अपने के महिमा अपार जननी हे

माता सरस्वती ! बीतल से बीतल 
स्नेहक करेजा करू आब शीतल 
काटू अविद्या छिपाइ ठगनी हे

रचना: स्नेहलता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !