शनिवार, 29 अप्रैल 2023

Janaki Navami Vrat 2023 - जानकी नवमी व्रत विधि

मिथिला धरोहर : जाहि प्रकार हिन्दू समाज मे 'राम नवमी' के महात्म्य अछि ओहिना 'जानकी नवमी' या 'सीता नवमी' के सेहो। अहि पावन पर्व पर जे व्रत राखैत अछि आ भगवान रामचन्द्र जी सहित भगवती सीता के अपन शक्तिक अनुसार भक्तिभाव पूर्वक विधि-विधान सँ सोत्साह पूजन वन्दन करय छथि हुनका पृथ्वी दान'क फल, महाषोडश दान'क फल, अखिलतीर्थ भ्रमण'क फल और सर्वभूत दया के फल स्वतः भेट जाइत अछि।

'सीता नवमी' पर व्रत आ पूजन लेल अष्टमी तिथि के स्वच्छ भऽ के शुद्ध भूमि पर सुन्दर मण्डप बनाबी। इ मण्डप सौलह, आठ या चाइर स्तम्भ के हेबाक चाहि। मण्डप के मध्य मे सुन्दर आसन राईख भगवती सीता और भगवान श्रीराम केर स्थापना करी।

पूजाके लेल स्वर्ण, रजत, ताम, पीतल, काठ या मैट्टीक अहिमे सँ सामर्थ्य अनुसार कुनो एकटा वस्तु सँ बनल मूर्ति (प्रतिमा) के स्थापना कैल जा सकैत अछि। मूर्तिक अभाव मे चित्र द्वारा सेहो पूजन कैल जा सकैत अछि।

इहो पढ़ब :-

नवमी के दिन स्नान आदिक उपरांत जानकी-राम केर श्रद्धापूर्वक पूजन करवाक चाहि।

'श्री रामाय नमः' तथा 'श्री सीतायै नमः'
मूल मंत्र सँ प्राणायाम करबाक चाहि।

'श्री जानकी रामाभ्यां नमः'
अहि मंत्र द्वारा आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, पंचामृत स्नान, वस्त्र, आभूषण, गन्ध, सिन्दूर तथा धूप-दीप आ नैवेद्य सँ श्रीराम-जानकी केर पूजन आ आरती करबाक चाहि।

दशमी कऽ दिन फेर विधिपूर्वक भगवती सीता-राम केर पूजा-अर्चनाक बाद मण्डप के विसर्जन कऽ देबाक चाहि। अहि प्रकार श्रद्धा आ भक्ति सँ पूजा करय बला पर भगवती सीता आ भगवान राम केर कृपा प्राप्ति होइत अछि।

व्रत'क विधान
कुनो भी व्रत के पूर्णता ओहिमे कैल गेल संयम-नियम सँ होइत अछि। यदि संभव भऽ सकय तऽ एही दिन फलाहार कैल जाऊ। सीता नवमी के दिन प्रात:काल स्नान कऽ उपरांत सोलह, आठ या चाइर स्तम्भ कऽ मंडप बना कऽ ओहिके ध्वजा-पताका आदि सँ सुशोभित कऽ के आसन पर श्रीसीता-राम केर प्रतिमा या चित्र स्थापित कऽ लिअ। फेर ओहिक आगू जल के कलश राखु। धूप-दीप, पुष्प, अक्षत, फल और मिष्ठान आदि सँ जानकी जी के पूजा करू। श्रद्धा अनुसार वस्त्र-आभूषण आदि चढ़ाबू। जन्मोत्सव के गीत गाउ। शंखनाद करु। 'श्रीसीतायै नम:' मंत्र के जाप करु। दशमी कऽ मंडपक विसर्जन करबाक बाद व्रत के पारण कऽ के यथासंभव दान-पुण्य करबाक चाहि।

1 टिप्पणी:

  1. बडसुन्दर आलेख, धन्यवाद. किछु विशिष्टताक लेल संस्कृतक मन्त्र तथा बृहत् पूजनपद्धति सेहो संलग्न करबाक चाही.

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