शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

सीता माता की आरती - Sita Mata Ki Aarti - जानकी माता केर आरती

आरति श्रीजनक-दुलारी की। 

सीताजी रघुबर-प्यारी की।।


जगत-जननि जगकी विस्तारिणि, 

नित्य सत्य साकेत विहारिणि।

परम दयामयि दीनोद्धारिणि, 

मैया भक्तन-हितकारी की।।

आरति श्रीजनक-दुलारी की।


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● सीतामढ़ी, एहन स्थान जतय आयो रहय छथि माता सीता

 

सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि, 

पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।

पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि, 

त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।

आरति श्रीजनक-दुलारी की।।


विमल-कीर्ति सब लोकन छाई, 

नाम लेत पावन मति आई।

सुमिरत कटत कष्ट दुखदायी, 

शरणागत-जन-भय-हारी की।।


आरति श्रीजनक-दुलारी की। 

सीताजी रघुबर-प्यारी की।।


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● माता सीता केर समर्पित ‘जानकी मंदिर’ जनकपुर, नेपाल

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