मंगलवार, 19 अप्रैल 2022

जय-जय संकर जय त्रिपुरारि लिरिक्स - विद्यापति | Jay Jay Shankar Jay Tripurari Lyrics

जय-जय संकर जय त्रिपुरारि,
जय अध पुरुष जयति अध नारि।

आध धवल तनु आधा गोरा,
आध सहज कुच आध कटोरा।

आध हड़माल आध गजमोति,
आध चानन सोह आध विभूति।

आध चेतन मति आधा भोरा,
आध पटोर आध मुँजडोरा।

आध जोग आध भोग बिलासा,
आध पिधान आध दिग-बासा।

आध चान आध सिंदूर सोभा,
आध बिरूप आध जग लोभा।

भने कबिरतन विधाता जाने,
दुइ कए बाँटल एक पराने।

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