Anant Chaturdashi, Anant Puja, मिथिला धरोहर : अनंत भगवान विष्णु सृष्टि के आरंभ मे चौदहो लोक 'तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, आ मह केर रचना कएने छलथि। ओहि सबटा लोकक पालन करबाक लेल स्वयं १४ रूप मे प्रकट भेलाह जाहि सँ अनंत प्रतीत होमय लगलाह। ताहि कारणे अनंत पूजाक दिन एकटा पात्र मे दूध, मधु, दही, घी आ गंगाजल मिला कऽ क्षीर सागरक निर्माण कैल जाइत छैक। फेर कचका ताग सँ बनल चौदह गिठ्ठह वला अनंत सूत्र सँ भगवान अनंत के क्षीर सागर मे ताकल जाइत छन्ही। पूजाक पश्चात अहि ताग के अनंत भगवानक स्वरूप मानि पुरूष अपन दाहिना बांहि पर और स्त्रीगण बामा बांहि मे पहिरय छथि।
अनंत के चौदहो गांठ मे प्रत्येक गिठ्ठह एक एक टा लोक के प्रतीक होइत अछि जाहिक रचना भगवान विष्णु केने छथि। अहि प्रत्येक गिठ्ठह मे भगवान के ओहि चौदह रूप के वास मानल जाइत छनि जे चौदह लोक मे वास करय छथि। शास्त्रक अनुसार उपनयन संस्कारक उपरांते १४ गिठ्ठह वला अनंत कुनो पुरूष के पहिरबाक चाहि आ स्त्रीगण के बियाहक पश्चात। अहिसँ पहिले तेरह गिठ्ठह वला अनंत पहिरबाक चाहि।
साल 2024 मे अंनत चतुर्दशी व्रत 17 सितम्बर, 2024, मंगल के अछि।
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Anant Chaturdashi Date 2024,
Anant Puja Date 2024 | Tuesday, 17, September 2024
अनंत पूजाक कथा
एक बेरा कौण्डिल्य मुनि के पत्नी शीला सुख-संपत्ति के इच्छा सँ अनंत चतुर्दशी के व्रत रखलनि। ताहि उपरांत अनंत सूत्र के अपन बामा बांहि मे बैन्ह लेलनि। भगवान अनंत केर कृपा सँ शीला धन-धान्य संपन्न भऽ गेली। एक दिन कौण्डिल्य मुनि केर नजैर शीला के बांहि पर बाँधल अनंत सूत्र पर गेलनि। कौण्डिल्य मुनि के लगलनी जे इ कुनो जादू-टोना के धागा अछि और ओहिके तोइड़ आइग मे फेंक देलनी। अहिसँ अनंत भगवान रुष्ट भऽ गेलखिन। किछये दिन मे कौण्डिय मुनि और शीला फेर सँ गरीब भऽ गेला। शीला कहलनि जे अहाँ अनंत सूत्र के तोइड़ के जड़ा देने छी ताहिलेल हमरा गरीबी के दिन देखय पड़ी रहल अछि। शीला के बात सुनि कौण्डिल्य मुनि के अपन केलहा पर पछताबा होमय लगलनि। कौण्डिल्य मुनि अनंत भगवान सँ छमा मांगय लगला। एक दिन गरीब ब्राह्मणक भेष मे अनंत भगवान कौण्डिल्य मुनि के आश्रम मे पधारलनी और मुनि सँ कहलनी जे अहाँ पत्नी सहित अनंत भगवान केर पूजा करु ताहिसँ अहाँक गरीबी दूर भऽ जाएत। ब्राह्मण केर आज्ञा मैन मुनि पत्नी सहित अनंत भगवान केर व्रत केलनि और अनंत सूत्र बांहि पर बान्हलनी जाहिसँ हुनक गरीबी समाप्त भऽ गेलनि। अहि व्रत के नियम अछि जे व्रती के खेनाइ मे नून कऽ प्रयोग नै करबाक चाहि।
ATI Sundar chhi
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