दरभंगा : मिथिला मे भगवती के उपासना'क प्राचीन परंपरा रहल अछि। शक्ति के उपासना'क सशक्त परंपरा आ देवीस्था'क कड़ी क बीच शहर सँ गांव धरि मंदिर के श्रृंखला अछि। हरेक मंदिर मे ओहिके महिमा के इतिहास छुपल अछि। स्थापित देवी प्रतिमा'क ल'के प्रचलित कथा'क बीच सब दिन एतय आस्था के सरिता बहय अछि। एहि कड़ी मे दरभंगा शहर'क रामबाग किला'क भीतर स्थापित कंकाली मंदिर के ( Kankali Mandir Darbhanga ) महत्वपूर्ण स्थान अछि। जे किओ भक्त निक मुन सँ एतय पहुंचय छथि मैया हुनक पुकार सुनय छथिन और हुनक कामना पूर्ण करय छथिन।
शारदीय नवरात्र समेत साल मे होय वला सब नवरात्र मे एतय विशेष पूजा-अर्चना कैल जाईत अछि। एहि दौरान भक्त के भारी भीड़ उमड़य अछि। ओना एतय सब दिने श्रद्धालु के भीड़ रहैत अछि। १८०२ ई० मे एतय प्रतिमा के स्थापित कैल गेल छल। मंदिर के वर्तमान मे जे भव्य आ विशाल स्वरूप अछि ओहिके निर्माण १९३४ मे भूकंप'क बाद कैल गेल छल।
शारदीय नवरात्र समेत साल मे होय वला सब नवरात्र मे एतय विशेष पूजा-अर्चना कैल जाईत अछि। एहि दौरान भक्त के भारी भीड़ उमड़य अछि। ओना एतय सब दिने श्रद्धालु के भीड़ रहैत अछि। १८०२ ई० मे एतय प्रतिमा के स्थापित कैल गेल छल। मंदिर के वर्तमान मे जे भव्य आ विशाल स्वरूप अछि ओहिके निर्माण १९३४ मे भूकंप'क बाद कैल गेल छल।
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दरभंगाक कंकाली मंदिर |
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