मिथिला धरोहर : डा० शेफालिका वर्मा के मैथिली साहित्य के महादेवी मानल जाइत छनि। मैथिली साहित्य में उल्लेखनीय योगदान लेल साहित्य अकादमी अवार्ड २०१२ के लेल चुनल गेल छलनि। इ पुरस्कार हुनक आत्मकथा पर आधारित पुस्तक ‘किस्त किस्त जीवन’ के लेल भेटल छनि। पुस्तक सामजिक बुराइ और पिछड़ापनक कारण हुनक अनुभव पर लिखल गेल अछि
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डा० शेफालिका वर्मा मूलत: सहरसा जिला के छथि, हिनकर जन्म मधेपुरा के विद्यापुरी मोहल्ले मे भेल छनि। बचपने सँ साहित्यिक रुचि राखय वाली डा० वर्मा के तीनटा उपन्यास सहित दर्जन भरी पुस्तक पाठक के प्रसंशा बटोइर चुकल छनि। ३००३ मे ए. एन. कॉलेज पटना सँ हिन्दी के पोस्टग्रेजुएट विभाग सँ अवकाश प्राप्त डा० वर्मा वर्तमान मे दिल्ली मे रही के साहित्यिक गतिविधि मे सक्रिय छथि।
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हिनक रचना : 'हमर घर कते हेरा गेल, 'मोनक चान सुरुज 'जिम्मेदार के, 'जीवन ललाम-लाल, 'एकटा प्रश्न, 'अहि त कहने रही, 'अर्पण, 'मै नारी हूँ, ये अपराध मेरा तो नहीं, 'आखिर क्यो, 'सत्य की खोज।
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