आशिनक पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा मिथिलाक लेल खास अछि। अहि दिन विशेष पावैन कोजगरा मनायल जाइत अछि। चांदनी इजोरिया राइत मे नवविवाहिता एतय जश्नक माहौल रहत। लोग सब के मखाना आ पान बांटबाक साथे पारंपरिक आयोजन सेहो होइत अछि। मिथिलाक लोक संस्कृति मे इ परंपरा बहुत पहिले सँ चली रहल अछि।
मिथिला पंचांग अनुसार कोजागरा पूजा 2024 में शनिदिन, 16 अक्टूबर 2024 के ऐछ।
Kojagara Puja Date 2024 | Wednesday, 16 October 2024
बर'क सासुर सँ जेखन सबटा भाड़ - दौड़ आबि जाइत अछि तखन गांव - समाज के न्योतल जाइत अछि। बर'क सासुर सँ आयल कपड़ा लत्ता बर के पहिरायल जाइत अछि। घर के महिला आंगन मे अष्टदल कमलक अरिपन बनाबय छथि। अहि पर चुमाओनक डाला राखी बर के चुमाओनक विधि पूरा कैल जाइत अछि। ओहि समय पांचटा ब्राह्मण दूर्वाक्षत द के आशीर्वाद दैइत छथि।
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ओना त मिथिला मे बियाहक अवसर पर डाला सजाये क चुमाओन कैल जाइत अछि, मुदा कोजगरा के डाला प्रसिद्ध अछि। अहि अवसर पर लगभग पांच सँ छः फुट व्यास बला बांस सँ बनल डाला पर धान, मखान, पांचटा नारियल, पांच हत्था केरा, छाछ, पान'क ढोली, मखानक माला, जनेऊ, सुपारी, इलायची और अड़ांची सं सजल कलात्मक वृक्ष, पांच प्रकार के मिठाई के थारी, छाता, छड़ी आ वस्त्र सहित अन्य सामग्रि के सजावट देखते बनैत अछि। अहि डाला सँ बर के चुमाओन करबाक परंपरा अछि। बड़का डाला रहला सँ एकरा १०-१० के संख्या तक महिला उठा क चुमाओन के विधि संपन्न करैत छथि।
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