जमा कैल प्राचीन माटीक बर्तन, दीपदान आदि के संग शंकर साह। |
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एखन धरि सौ सँ बेसी कलाकृतियां संग्रहालय मे जमा क चुकल छथि। एहीमे पंच मार्का सिक्का, मुगलकालीन सिक्का, तांबा सिक्का, मातृ शक्ति, दीपदान, माटी पर बनल दर्पण, भिक्षु पात्र, घड़ा, कलश आदि सामग्री अछि जाहिके देखि संग्रहालय के अध्यक्ष आ ओकरा देखय वला सेहो अभिभूत अछि।
प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर के खोजवा के और फेर ओहिके संवारवा के शौख शंकर साह केर 32 बरख सँ अछि। बात 1984 के अछि, शुरू मे ओ सुल्तानगंज के गंगा कात बसल अपन गांव जहांगीरा के कात घूमय जाइत छलैथ। कहल जाइत अछि जे ओतय कहिओ जह्नावी ऋषि केर कुटिया छल। जेखन ओ ओतय घूमय जाइत छलैथ त तांबे के सिक्का भेंटलनि। जेकरा ल के ओ घर गेला। गांवक लोग के देखेलैथ। मुदा किओ हिनका दिस ध्यान नय देलक। मुदा एहीके उपरांत नियमित रूप सँ ओतय जाय लगला। गंगा किनार माटी खोइद किछु तकवा मे भोरे सँ जुइट जाइत छलैथ।
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शंकर साह केर एही काजक लेल वर्ष 2005 मे तत्कालीन डीएम विपिन कुमार भागलपुर बजा के हिनका एकटा कार्यक्रमक दौरान सम्मानित सेहो केलनि।
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