मिथिला धरोहर : कुर्साकांटा प्रखंड के सुंदरी मठ ( Suandari Math, Dumaria ) मे ऐतिहासिक बाबा सुन्दर नाथ धाम ( Sundar Nath Dham ) लोगक मनोकामना पूर्ति के लेल प्रख्यात अछि। एतए के इतिहास महाभारत काल सं जुड़ल अछि। ओरल ट्रेडीशन के अनुसार शिवलिंग के स्थापना पांडव आ हुनक मां कुंती अपन अज्ञातवास के दौरान केने छलथि। अज्ञातवास काल मे भगवान श्री कृष्ण के आदेश पर भीम एरावत हाथी पर 108 कमल पुष्प अनलथि। जाहिसे माता कुंती पांडव संग बाबा सुन्दरनाथ आ माता पार्वती के पूजा केने छलथि।
अहिके खोज उन्नीसवीं सदी मे खेत जोतए के दौरान भेल। बाबा सुंदर नाथ के फौजदारी अदालत मानल जाइत छलनी। हिनक महत्ता आ कृपा अगाध छनि। इ मंदिर बनैली राज के राजा बहादुर कृत्यांनद सिंह के राज मे था और राजा जहन भी अहि इलाका मे आबय छलैथ त शिवलिंग पर सवा मन दूध चढेबाक उपरांते शिकार पर निकलए छलैथ।
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एतए परिसर मे अवस्थित माता पार्वती मंदिर सुहागिन महिला के लेल आस्था'क केंद्र बनल अछि। माता पार्वती केर पूजा क सुहागिन महिला सदा सुहागन होएबाक कामना करए छथि।
सन 1935 ई० में गढ़बनैली के राजा कुलानंद सिंह एतए पक्का मंदिर के निर्माण केने छलथि। वर्ष 2006 ई० मे बिराटनगर (नेपाल) के उद्योगपति आसकरण अग्रवाल ओहि मंदिर के ध्वस्त क भव्य मंदिर बनेनाय प्रारंभ केलनि। अपरिहार्य कारण सं इ काज पूर्ण नै भ सकल। विधायक विजय कुमार मंडल क्षेत्र के किछ लोगक संग वर्ष 2012 मे एतय भव्य आ आकर्षक मंदिर बनेनाए शुरू करेलनी। वर्ष 2016 मे ग्यारह सदस्यीय समिति बना क बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद बिहार, पटना सं निबंधन कराओल गेल। इ स्थल भारतीय क्षेत्र'क अलाबा स नेपाली मूल'क लोग के आस्था के केंद्र बनल अछि।
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