शनिवार, 1 मई 2021

224 साल पुरान अछि मिथिलाक बसैटी शिव मंदिर के गौरवशाली इतिहास

अररिया जिलाक रानीगंज प्रखंड के बसैटी शिव मंदिर ( Basati Shiv Temple, Araria )के गौरवशाली इतिहास रहल अछि। अहि मन्दिर के निर्माण 1797 में महारानी इंद्रावती केने छलथि। अहि मंदिर के स्थापत्य कला बंगाल आ मिथिला शैलि के सुंदर मिश्रण अछि आ प्रवेश द्वार पर एकटा शिलालेख अछि जाहिमे पुरैनिया राजपरिवार के राजा के विवरण अंकित अछि। अहिके लेल महारानी करीब दु सौ पांच एकड़ भूमि मंदिर के नाम पर दान मे देने छलथि। यैह नै महारानी बसेटी गांव मे एकटा शिवालय, चंद्रदीप इनार, शिव गंगा सरोवर बनेबाक सेहो आदेश जारी केने छलथि। ओहि समय के प्रसिद्ध वास्तु शास्त्र व शिल्पकार के बजायल गेल। फेर शिव मंदिर निर्माण भेल। अहि दौरान काशी के प्रख्यात शिल्पी के शिवलिंग और राज पंडित शम्भू नाथ मिश्र के प्रस्तावित पत्र तैयार करबा के कहल गेलनी। प्रस्तावित पत्र के दस श्लोक आयो केथी लिपि मे मंदिर के मुख्य द्वार पर साटल अछि। अहिमे राजा इन्द्रनारायण राय के वंशावली, मंदिर निर्माण के तिथि अंकित अछि। 

अहि राज के मुख्यालय रानीगंज प्रखंड के पहुंसरा गांव मे छल आ तकरीबन पंद्रह हजार वर्ग किमी क्षेत्र मे अहि परिवार के शासन छल। शिलालेख के अनुसार अहि राज के स्थापना महाराजा समर सिंह शाहजहां के शासन काल मे केने छलथि आ हुनका उपरांत राजा विश्वनाथ, राजा नर नारायण, महाराज रामचंद्र अस महाराजा इंद्र एहन प्रतापी राजा के शासन रहलैन।


इहो पढु - मैथिल बियाहक विध-व्यवहार, बाप रौ बाप

शिवलिंग के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान मे सैकड़ो वैद, राजा, महाराजा, छोट जमींदार सहित हजारो श्रद्धालु शामिल भेल छल। अहि ऐतिसाहिक शिव मंदिर के खासियत इ अछि जे बाहर सं देखला पर तीनटा अलग-अलग गुम्बज सं तीनटा मंदिर देखाय पड़ैत अछि मुदा अंदर गेला पर एके मंदिर अछि।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !