सोमवार, 7 जून 2021

मिथिला में एतय बाबा बटेश्वर नाथ नाम सं जानल जाइत छथि महादेव

भागलपुर जिला के अंतर्गत कहलगांव प्रखंड के ओरियप पंचायत अंतर्गत उत्तरवाहिनी गंगा नदी कात श्मशान घाट सं सटल बट पर्वत पर अवस्थित प्राचीन बटेश्वर नाथ महादेव मंदिर ( Baba Bateshwar Nath Mahadev Kahalgaon, Bhagalpur ) सदियों सं लाखों लोगक लेल आस्था आ तंत्र साधना के केंद्र रहल अछि। मुनिवर बशिष्ठ द्वारा आराधित आपरूपी महादेव बटेश्वर केर बशिष्ठेश्वर नाथ महादेव सेहो कहल जाइत छनि। सोमवारी के अहि स्थल पर भक्त द्वारा जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आ गंगा महाआरती के दौर चलैत अछि।

सेन और पालवंशीय शासक के लेल सेहो इ स्थान आस्थाक केंद्र रहल अछि। बटेश्वरनाथ महादेव के लिंग विग्रह के सोंझा दक्षिणामुखी मां काली केर मूर्ति विराजमान अछि जे तांत्रिक कल्पना के रूपक मानल जाइत अछि। अहि स्थान के शिला संगम सेहो कहल जाइत अछि । बटेश्वर स्थान के पत्थरघाट सेहो कहल जाइत अछि कियाकि नदी कात पत्थरक भरमार अछि। किछ दशक पहिले गंगा आ कोसी नदि के संगम स्थल सेहो पत्थरघाट यानि बटेश्वर स्थान रहल छल ताहिलेल अहिके शिला संगम सेहो कहल जाइत अछि। 

इहो पढूं- देवउठाउन एकादशी पूजा मंत्र, भगवान के जगेबाक मंत्र

तंत्रपीठ के तौर पर विख्यात बटेश्वरनाथ महादेव तांत्रिक, भगत, साधक आ आदिवासी समुदाय के लोगक लेल सेहो आकर्षण के केंद्र रहल अछि। अहि स्थान के उल्लेख शिव पुराण, भविष्योत्तर पुराण, कालिका पुराण, कृतसार, वैवस्वत पुराण आदि मे सेहो भेटय अछि। 

कोना पहुंचब-

इ स्थान भागलपुर जिला मे कहलगांव रेलवे स्टेशन सं करीब 9 किलोमीटर दूरी पर स्थित अछि। एतय जेबाक लेल दुपहिया आ चाइर पहिया वाहन के प्रयोग कैल जा सकैत अछि। ओतय आटो आ आन साधन सं सेहो एतय पहुंचल जा सकैत अछि।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !