गुरुवार, 12 अगस्त 2021

जयमंगला स्थान : मिथिलाक शक्तिपीठ

देशक 52 शक्तिपीठ मे शुमार जयमंगला स्थान मे मां के मंगलकारी रूप 'माता जयमंगला' केर पूजा आदिकाल सं होइत आबि रहल अछि। एतय देवी सती के वाम स्कंध खसल छलनी। इ स्थान ( Jaymangala Garh Sthan Begusarai ) बेगूसराय जिलाक मंझौल प्रखंड मे अवस्थित अछि।  

स्वतः प्राकट्य के अछि मान्यता

जयमंगलागढ़ स्थित माता जयमंगला परिसर के भग्नावशेष आ शिलालेख सं अनुमान लगायल जाइत अछि जे एतय के मंदिर बहुते पुरान अछि। अहि मंदिर के गर्भगृह मे माता केर मूर्ति अछि। कहल जाइत अछि जे भगवती सती केर वाम स्कंध के पात एतय भेल छल। जाहि सं इ सिद्ध शक्तिपीठ अछि। माता केर इ सिद्ध स्थल नवदुर्गा के नवम स्वरूप मे विद्यमान अछि आ सिद्धिकामि के सिद्धि प्रदान करैत छथि।


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कहल जाइत अछि जे मंगलारूपा माता जयमंगला किनको द्वारा स्थापित नै, अपितु स्वतः प्रकट अछि। एतय देवी दानवों के निग्रह आ भक्तजन के कल्याणक लेल स्वत: निर्जन वन मे प्रकट भेलथि। 


फूल-अक्षत सं प्रसन्न होइत छथिन देवी

सबसं बड़का विशेषता अछि जे एतय रक्तविहीन पूजा होइत अछि। माता पुष्प, जल, अक्षत आ दर्शन पूजन सं प्रसन्न होइत छथि। बलि देबाक प्रथा नै अछि। नवरात्रा मे मंदिर परिसर मे जप, पाठ पूजन सं मनोवांछित फल भेटय अछि। सालों भैर मंगलदिन आ शनिदिन के वैरागन के माता के पूजा भक्तजन करैत अछि।


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कोना पहुंचब मंदिर

मंदिर पहुंचबाक रास्ता आसान अछि। बेगूसराय सं होइत एसएच 55 क रस्ता नित्यानंद चौक मंझौल पहुंचु। एतय सं गढ़पुरा पथ सं तीन किलोमीटरक दूरी पर भव्य जयमंगला द्वार सं बायां जयमंगलागढ़ अछि। हसनपुर-गढ़पुरा के दिसन सं सेहो जयमंगलागढ़ एबाक रस्ता अछि।

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