छवि साभार - Maa Baglamukhi Mandir, Muzaffarpur |
मुजफ्फरपुर के कच्ची सराय रोड स्थित प्रसिद्ध मां पीतांबरी बगलामुखी सिद्धपीठ ( Maa Baglamukhi Pitambari Siddhipith, Muzaffarpur ) मिथिले नै, सुदूर क्षेत्रक लोग के आस्थाक केंद्र अछि। मंदिर मे स्थापित माता के अष्टधातु के प्रतिमा के दर्शन के लेल दूर-दूर सं लोग आबैत अछि। मान्यता अछि जे माता के निक मोन सं हरैद आ दूइभ सं पूजा केला सं सब कोबला पूर्ण होइत अछि।
छवि साभार - Maa Baglamukhi Mandir, Muzaffarpur |
एहन कहल जाइत अछि जे मंदिर के ठीक नीचा सर्व मनोकामना सिद्ध 'सहस्त्र दल महायंत्र' स्थापित अछि जे सब व्यक्ति के मनोकामना पूरा करैत अछि।नवरात्र मे एतय देशभैर सं दर्जनों अघोर तांत्रिक साधना के लेल जुटैत अछि। एतय दस महाविद्या मे मां के आठवां स्वरूप अछि। एहन मान्यता अछि जे एतय 21 दिन नियमित दर्शन करय पर मां भगवती भक्त के सब मनोकामना पूर्ण करैत छथिन।
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कहल जाइत अछि जे वर्तमान महंत अजीत कुमार के पूर्वज वैशाली के महुआ आदलपुर सं आबि के एतय बसल छलथि। मां बगलामुखी हिनक परिवार के कुलदेवी छलथि। माता के अहि परिवार पर असीम कृपा छलनी। श्री कुमार के परदादा रुपल प्रसाद मंदिर के स्थापना के पूर्व कोलकाता के तांत्रिक भवानी मिश्रा सं गुरु मंत्र लेलथि। हुनके प्रेरणा सं मंदिर के स्थापना भेलैन। धीरे-धीरे तांत्रिक शक्तियों के कारण लोगक आस्था अहि मंदिर मे बढ़ल आ लोग पूजा अर्चना लेल आबय लागल। बाद मे एतय मां त्रिपुर सुंदरी (2004), मां तारा, बाबा भैरवनाथ (2006) आ हनुमान जी के मूर्ति सेहो स्थापित कैल गेलनि।
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मंदिर कोना जायब
स्टेशन पहुंचबाक बाद ओतय सं सीधे पूब दिस पुरना धर्मशाला चौक, मोतीझील, कल्याणी चौक, छोटी कल्याणी आ अमर सिनेमा रोड होइत हाथी चौक एबाक ऐछ। ओतय सं बाया घुइम कनबी आगू बढ़बाक ऐछ। चौक सं लगभग सौ मीटरक दूरी पर दाहिना कात माता के मंदिर अछि।
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