भागलपुर जिलाक नवगछिया के एकटा छोट सन गांव मे रहय वाली उलूपी झा Ulpi Jha From Bhagalpur ) एक दौर मे स्कूल मे टीचर छलथि, मुदा आय ओ एकटा एहन कला के बचेबाक काज कऽ रहल छथि जे लुप्त भऽ गेल अछि। इ अछि मंजूषा कला ( Manjusha Art )।
भागलपुर महोत्सव मे मंजूषा सं सजल दुकान देखलथी, ओतय सूप, बौनी आ डगरा पर सांप आ लहरिया बार्डर देखलथी। तहन हिनका पता चललैन जे मंजूषा की अछि। 2008 मे दिशा ग्रामीण विकास मंच आ नाबार्ड द्वारा मंजूषा कला के प्रशिक्षण मनोज पंडित सं लेलथि। ओतय सं उलूपी झा के मंजूषा कला साधना शुरू भऽ गेलनि। महिला सब के कला सं जोडऩाय शुरू केलथि। सामाजिक बाधा सेहो एलनी। उलूपी झा मधुबनी पेंटिंग सं सेहो प्रेरणा लऽ के मंजूषा मे बारीकि के शामिल केलथि। एक दशक पहिले तक मंजूषा मे सांपक चित्र बनेनाय अनिवार्य होइत छल, मुदा ओकरा दरकिनार कऽ उलूपी अंग प्रदेशक कथा, फल-फूल आ सरकारकऽ योजना के मंजूषा शैली मे उकेरनाय शुरू कऽ देलथि। आब मंजूषा कला आमदनी के जरिया बैन गेल ऐछ।
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मंजूषा कला के राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाबय वाली उलूपी झा सं तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एकरा बारे मे पूछने छलखिन। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 22 जनवरी 2016 के उलूपी झा के सम्मानित केने छलैन। उलूपी झा 26 जनवरी 2020 के दिल्ली मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सं भेंट कऽ मंजूषा कला के विशेषताक बारे मे बतेलथि। पीएचडी डिग्री के संग आशिहारा कराटा मे ब्लैक बेल्ट सेहो लेने छथि।
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2014 मे प्रगति मैदान मे आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला मे मंजूषा के जीवंत प्रस्तुति केलनि। 2014 मे बिहार के कला संस्कृति आ युवा विभाग के कार्यशाला मे भागीदारी निभेलथि। वर्ष 2013 मे भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा वीरांगना सावित्री बाई फूले फेलोशिप सम्मान भेटलनि। 26 जनवरी के पटना मे कला संस्कृति विभाग के झांकी मे मंजूषा के शामिल कैल गेल छल। अहि दिन तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मल्लिक के रात्रिभोज मे शामिल भेलथि। 2 अक्टूबर 2017 आ 26 जनवरी 2018 के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सम्मानित कऽ चुकल छनि। अहिसँ पहिले 2015 मे राज्य पुरस्कार सं मुख्यमंत्री सम्मानित केलनि। वर्ष 2018 मे अखिल भारतीय विश्व ङ्क्षहदी समिति न्यूयार्क द्वारा विशिष्ट सम्मान भेट चुकल छनि।
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