सोमवार, 11 अप्रैल 2022

कपिलेश्वर महादेव मंदिर, बरुआरी, सुपौल

महत्वपूर्ण शिवालय मे सं एक बाबा कपिलेश्वर महादेव के मंदिर सुपौल जिला मुख्यालय लगभग 14 किलोमीटर के दूरी पर गढ़ बरुआरी मे स्थित अछि। ( Kapileshwar Mahadev Temple Baruari, , Supaul ) कपिलेश्वर महादेव मंदिर के भक्त मे एकटा अलगे महिमा अछि। ओना स्थापना काल लऽ के लोगक अलग-अलग मत अछि। मुदा गढ़ बरुआरी निवासी पंडित कृष्णदेव झा द्वारा लिखित पुस्तक मे एहि मंदिरक स्थापना काल 1024 ईशा पूर्व मानल गेल अछि।


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पंडित कृष्णदेव झा एहि मंदिर के स्थापना काल के लऽ कऽ देल गेल तर्क मे एतय भेटल अवशेष के आधार बनेने छथि। कहल जाइत अछि जे तंत्र साधनाक लेल प्रसिद्ध कपिलेश्वर महादेव मंदिर के इ स्थान प्राचीन काल मे हरिद्रा नदी के कात एकटा टाल पर अवस्थित छल। जतए कपिल मुनि तपस्या करैत छलथि। इ धारणा अछि जे कपिल मुनि केर नामे पर अहि मंदिरक नाम कपिलेश्वर नाम पड़ल। कहल जाइत अछि जे भक्त एतय नीक मोन सं कोबला लऽ के आबैत अछि हुनक मनाेकामना पूर्ण  होइत अछि। कहल जाइत अछि जे कालांतर मे एहि मंदिर के राजा - महाराज विकसित केलक।


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मंदिरक ल के दंतकथा अछि जे मिथिलांचलक इ क्षेत्र ऋषि-मुनि आ महापुरुष के कर्मक्षेत्र रहल अछि। जे अध्यात्म साधना के लेल एहि क्षेत्रक विभिन्न आश्रम मे ध्यान-भजन करैत छलैथ। कहल जाइछ जे एहि धर्म स्थल के बाद मे मंदिरक रूप दऽ के पूजा-अर्चना कैल जाय लागल। मिथिला अहि क्षेत्र मे सिंहेश्वर महादेव मंदिर, उग्रतारा, चंडी, कुशेश्वर, गौतामा आश्रम, बाल्मिकी आश्रम, याज्ञवाल्कयम आश्रम, योगेश्वर जनक स्थान, कौशिकाश्रम समेत कपिलेश्वर के इ मंदिर धर्मावलंबि के लेल प्राचीन काले सं आस्थाक केंद्र रहल अछि। इतिहासकारक अनुसार एहि मंदिर परिसर के भौगोलिक आ आन बनावट के देखिते लोग एहि स्थान के कपिल मुनि सं जोड़लक। जे बाद मे कपिलेश्वर के नाम सं प्रसिद्ध भेल।

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