Gosauni Geet Lyrics
जय-जय भैरवि असुर भयाउनि - 2
पशुपति भामिनी माया,
सहज सुमति वर दिय हे गोसाउनि - 2
अनुगति गति तुअ पाया,
जय-जय भैरवि असुर भयाउनि।
वासर रैन, सबासन शोभित, - 2
चरण चन्द्रमणि चूड़ा,
कतओक दैत्य मारि मुख मेलल, - 2
कतओ उगिलि कएल कूड़ा ,
जय-जय भैरवि असुर भयाउनि।
सामर बरन नयन अनुरंजित, - 2
जलधि जोग फुलकोका,
कट-कट विकट ओठ पुट पांडरि, - 2
लिधुर फेन उठ फोंका,
जय-जय भैरवि असुर भयाउनि ।
घन-घन-घनन घुंघरू कत बाजय, - 2
हन-हन कर तुअ काता,
विद्यापति कवि तुअ पद सेवक, - 2
पुत्र बिसरू जनि माता,
जय-जय भैरवि असुर भयाउनि, - 2
पशुपति भामिनी माया,
सहज सुमति वर दिय हे गोसाउनि, - 2
अनुगति गति तुअ पाया,
जय-जय भैरवि असुर भयाउनि ।
● बट्टा भरि चानन रगड़ल पाने पत्र
बट्टा भरि चानन रगड़ल पाने पत्र लिखल हे,
ताहि पान नोतब गोसाउनि जे नित पूजि थिकि हे,
बट्टा भरि चानन रगड़ल पाने पत्र लिखल हे,
ताहि पान नोतब पितर लोक जे निज आशिष देथि हे,
बट्टा भरि चानन रगड़ल पाने पत्र लिखल हे,
ताहि पान नोतब कुटुम्ब लोक जाहि सँऽ सोहावन लागू हे
बट्टा भरि चानन रगड़ल पाने पत्र लिखल हे,
ताहि पान नोतब अयहब लोक जाहि सँऽ मंगल हैत हे
● जयवर जयवर दिय हे गोसाउनि - गोसाउनिक गीत
जयवर जयवर दिय हे गोसाउनि, जयवर दिय महामाया, - 2
सत्यवचन जयजय करुणामयि दीनक सुनिय पुकारा
जयवर जयवर दिय हे गोसाउनि, जयवर दिय महामाया,
मंगलमयि कल्याणि माता मंगल सदय प्रदाना
अहांक सिवा दोसर नै जग में अयलहु शरण तोहारा
जयवर जयवर दिय हे गोसाउनि, जयवर दिय महामाया।
सर्वस्वरुपा सर्वेश्वरी मां हे भगवती मां दुर्गा,
मनवाञ्छित फल दिय हे मैया करिय सवपर दाया
जयवर जयवर दिय हे गोसाउनि, जयवर दिय महामाया,
कलजोरी किरण क्षमा मागैछथि, रहिय प्रसन्न जगदम्बा,
जयवर-जयवर दिय है गोसाउनि, जयवर दिय महामाया।
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