रविवार, 26 मार्च 2023

Chandramukhi San Gauri Hamar Lyrics | चंद्रमुखी सन गौरी हमर छथि लिरिक्स

Maithili Vidyapati Geet | Lyrics Ge Mai Chandramukhi San Gauri Hamar Chhathi

गे माई चंद्रमुखी सन, गौरी हमर छथि
सुरुज सन करितौं जमाई
गे माई चंद्रमुखी सन, गौरी हमर छथि
सुरुज सन करितौं जमाई - 3
गे माई चंद्रमुखी सन, गौरी हमर छथि
सुरुज सन करितौं जमाई ।

नारद के हम की रे बिगाड़लौं, जिन बूढ़ आनल जमाई - 2
गे माई एहेन सुनरि धिया
तिनको केहेन पिया,
नारद आनल उठाई,
गे माई एहेन सुनरि धिया
तिनको केहेन पिया,
नारद आनल उठाई,

परिछन चलली माई सुनैना, वर देखि खसलि झमाई - 2
गे माई हम नै बियाहब ईहो तपसि वर
मोरी धिया रहती कुमारी,
गे माई हम नै बियाहब ईहो तपसि वर
मोरी धिया रहती कुमारी,

कहथिन गौड़ी सुनू हे सदाशिव एक बेर रूप देखाऊ, - 2
गे माई देखी जुड़ाईती माई सुनैना
देखत नगर समाज
गे माई जुड़ाईती माई सुनैना
देखत नगर समाज

भनहि विद्यापति सुनु हे सुनैना, इहो थिका त्रिभुवन नाथ, - 2
गे माई करम लिखल छल
ईहो तपसि वर लिखल मेटल नहि जाय
गे माई करम लिखल छल
ईहो तपसि वर लिखल मेटल नहि जाय

गे माई चंद्रमुखी सन, गौरी हमर छथि
सुरुज सन करितौं जमाई

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