उगना रे मोर कतए गेलाह,
कतए गेला शिव कीदहू भेलाह।
भांग नहि बटुआ रुइस बैसलाह,
जोहि हेरि आनि देल हैंस उठलाह।
जे मोर उगनाक कहत उदेस,
ताहि देब ओकर कँगन संदेश।
नन्दन वन बीच भेटल महेस,
गौरी मन हरखित भेटल कलेस।
विद्यापति मन उगना सो काज,
नहि हितकर मोर तिहुवन राज।
उगना रे मोर कतए गेलाह फिल्म तर्ज पर लिरिक्स
हे रे उगना.... रे उगना....
उगना...... उगना....
हे रे उगना.... रे उगना....
उगना...... उगना.....
उगना रे..... मोर कतए गेलाह,
कतए गेला शिव कीदहू भेलाह
मोर कतए गेलाह
हे रे उगना.... रे उगना....
उगना...... उगना....
हे रे उगना.....
भांग नहि बटुआ रुइस बैसलाह,
जोहि हेरि आनि देल हैंस उठलाह
मोर कतए गेलाह
जे मोर उगनाक कहत उदेस,
ताहि देब ओकर कँगन संदेश
मोर कतए गेलाह
हे रे उगना....
नन्दन वन बीच भेटल महेस,
गौरी मन हरखित भेटल कलेस
मोर कतए गेलाह
विद्यापति मन उगना सो काज,
नहि हितकर मोर तिहुवन राज
मोर कतए गेलाह
हे रे उगना....
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