गुरुवार, 31 अगस्त 2023

भोरे भोरे भांग पीबि क लिरिक्स - Bhore Bhore Bhang Pib Ke Lyrics

Bhore Bhore Bhang Pibi Ka Lyrics in Hindi

भोरे भोरे भांग पीबि कऽ कतय गेला त्रिपुररिया
भोरे भोरे भांग पीब के कतय गेला त्रिपुरिया
छोरल डमरू छाल मृग के
छोरल डमरू छाल मृग के
छोरल बसहा बरदिया
भोरे भोरे भांग पीबि कऽ कतय गेला त्रिपुररिया

सून सान सन भवन लगय यै
बसहा पेठ लगय यै हे
सून सान सन भवन लगय यै
बसहा पेठ लगय यै हे
साँझक पीसल भांग एखन धैर
एहिना सुखल परल छै हे
कोना के कटतय दिवस नै जानी
कोना के कटतय दिवस नै जानी
कोना के दिन दुपहरिया
भोरे भोरे भांग पीबि कऽ कतय गेला त्रिपुररिया

लाखक लाख जंजाल पोसल शिव
ओहिगर पुरुख एकौ नै हे
लाखक लाख जंजाल पोसल शिव
ओहिगर पुरुख एकौ नै हे
अपने ताले नाच रहल सब
काजक जोग एको नै हे
ककरा कहबै के जा सकतै
ककरा कहबै के जा सकतै
के लाओत खबरिया
भोरे भोरे भांग पीबि कऽ कतय गेला त्रिपुररिया

जून कानू जूनि दिया पटोटन
नही रुसल हरि हर छथ हे
जून कानू जूनि दिया पटोटन
नही रुसल हरि हर छथ हे
कहथिन नारद सुनु हे गौरी
भक्तक बस में शिव छथ हे
उगना बनीके कऽ रहल ओ
उगना बनीके कऽ रहल ओ
विद्यापति के चकरीया
भोरे भोरे भांग पीबि कऽ कतय गेला त्रिपुररिया

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