गामक उचक्का सभ ओही समय इनार पर नहाइत छल जखन गामक स्त्रीगन सभ पानि भरय आबैत छल। एहि उचक्का मे मुला नामक एकटा छौरा सबसँ बेसी बदमाश छल। ओ अपन आठ-दस संगी सभक संग भरि दिन इनार पर रहैत छल। भांग आ गांजा के आदी मुला के टीम गामक लड़की आ महिला के जीनाय दुर्लभ कऽ देने छल। जँ कियो शिकायत वा विरोध करैत छल तऽ झगड़ा पर उतारू भऽ जाइत छल।
मुला के एहि हरकत सं सगरो गाम परेशान छल। मुदा ओ गामक साहूकार अंजनी मांझीक एकलैता बेटा छल। अंजनी माझी ब्याज पर पूरा गाम मे पाइ लगेने छल।
"की भेलै! जबान चंचल छौरा छै। मजाके टा तऽ करैत छैक। ककरो सँ किछु छीन तऽ नै लैत छै। खबरदार जे कियो किछ कहलक।"
मुदा मुला के माय के अपन बेटाक ई करतूत नीक नै लागैत छल। ओ ओकरा लाख बुझबैत छलीह मुदा मुला हुनकर बात नहि सुनैत छल। आ हाइर के ओ एक दिन गोनू झाक शरण मे चलि गेली।
"पंडित जी, हमर बेटा तऽ हाथ सँ निकलल जा रहल अछि।" मुलाक माय कानैत बजलीह - "ओकरा बाप के कुनो चिंता नै छै। उल्टा ओकर खराब आदतिक समर्थन करैत छैक। मुदा हम ओकर माय छी आ नीक बेटाक कामना करैत छी। आब एकरा अहाँ टा मात्र ठीक कऽ सकैत छी।
'भौजी, यैह उम्र मे बच्चा सुधड़ैत आ बिगाड़ैत छै। अहाँ निश्चिंत रहू, हम ओकरा बुझेबाक पूरा प्रयास करब। काली माँ चाहथि तऽ एके बेरा में ओकर बुद्धि ठिकाना पर आबि जायत। हमरा मोन मे एकटा योजना अछि मुदा ताहि मे हमरा अहाँक मदद चाही।
'हम अपन बेटाकेँ नीक बनेबाक लेल जे किछु क' सकब से करब।'
"ठीक छै। हम कहब जे की करबाक चाही।"
गोनू झा हुनका अपन योजना बतौलनि। दोसर दिनक बात अछि। मुला आ ओकर उधम मचाबय बला संगी सभ भोरेसँ इनार पर बैसल गांजा पीबैत आ उल्टा-सीधा गप्प कऽ छल।
अचानक गामक लड़की सभक एकटा समूह पानि भरय लेल आबैत देखायल। ओहि समूह में एकटा घूंघटधारी महिला सेहो छलीह। घूंघट वाली महिलाक गागर चानीक छलैक आ ओकर चाल सँ बुझाइत छल जे ओ सब दिन अबै मे सँ नहि छथि। मुला आ ओकर संगी सभ उत्सुकता मे पड़ि गेल जे चानीक घैल अननिहार सुन्दरी के अछि। ओ सभ पूछताछ केलक मुदा कियो नहि कहि सकल। तखन मुला निर्णय लेलक जे एम्हर-ओम्हर पूछबाक बदला नीक हएत जे घूंघट उठा क' देखू। कियो ओकर सभकेँ की बिगाईर सकैत अछि।
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'चल रे पंगा।'। मुला अपन एकटा संगी केँ कहलकै, "जा कऽ घोग तऽ उठा एहि नबका पतुरिया कऽ जे चानिक घयला लऽ कऽ लचकैत-मटकैत आयल छैक। कल्पना कर, जँ ककरो हाथ एतेक सुन्दर छैक तऽ चेहरा कतेक सुन्दर हेतैक।"
गुरु, जँ बेसी सुन्दर भेल तऽ की करबै?" एकटा मित्र चुटकी लैत बाजल।
'तखन हमर विवाह कऽ लेबै!'
"मुदा ओकर विवाह भऽ गेलै छैक।"
'होय दियौक।' नीक लागलै तऽ नीक लागलै।
"मुदा ओकर पति।"
''हमर की बिगाड़त। हमर पिताजी गामक सेठ छैक। पाइ सं कीन लेतै।"
सब चिलमची ठहका लगा कऽ हँसै परल। पंगा नामक चिलमची नशा मे झुमैत आगू बढल आ घोग बाली महिलाक घूंघट उघाईर देलक।
आ जेना बिजली खसि पड़ल हो। मुलाक आँखि चौड़ा भ’ गेलै। घूंघटक पाछूक मुंह तऽ सुन्दर छल मुदा ओ ओकर माय छलीह। ओकर आँखि जमीन मे धसल जा रहल छलैक। माँ बहुत आगि सन आँखि सँ ओकरा दिस एकटक ताईक रहल छलीह।
कुलकलंक की भेलै !" माँ बजलीह - "तोरा हमर चेहरा नीक नहि लागलौ। आगू आबि अपन सब मनोकामना पूरा कर। ई छियै तोहर असली रूप! यैह लेल हम तोरा पालन-पोषण केलहुँ जे एक दिन तो अपन मायक घूंघट उठेमे।"
मूला तऽ लाजसँ जमीनमे गड़ल जा रहल छल ।
हे, आइ तों तऽ लजा रहल छैं। की भेलै, ई तऽ तोहर रोजक खेल छियौ। एहि लाज किएक? हम तऽ तोहर माय छीयौ ताहिलेल। रे सरधुआ, आन महिला सेहो ककरो माय, बहिन आ बेटी छियै।"
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'मां', मुला कानि उठल - "हमरा क्षमा करू। हम बहुत खराब छी मां, मुदा आइ अहाँ जे पाठ देलहुँ से जीवन भरि मोन राखब। हमरा एकटा अंतिम मौका दिअ मां।"
''तोरा आई ग्लानि भऽ रहल छौ। आब जँ तों सुधरय चाहैत छं तखन माफी हमरा सँ नहि एहि स्त्रीगण सब सँ मांग। 'त' एतहि सँ शुरू कर।' अहाँ भाइ बनि हुनका सभक रक्षा कर।
मुला सेहो एहने केलक। आ ओ अपन चिलमची संगी सभकेँ एतेक धमकी देलक जे सभकेँ ओतहिसँ भागब नीक बुझना गेल। आब गामक स्त्रीगण सब मुला के हृदय-परिवर्तन पर प्रसन्न छल।
ई हमर माँ के कृपा अछि जे आइ हमर आँखि खोललक।
'मां कऽ एहन कतऽ? ओ गोनू झा छथि जे कनि बुद्धि सँ हमर बिगड़ल बेटा केँ घर वापस अनलनि ।
"गोनू झा!" सब आश्चर्यचकित भऽ गेल।
पूरा गाम जय-जयकार करैत गोनू झाक दरबज्जा पर पहुँचि गेल। गोनू झा जखन बाहर अयलाह तऽ मुला हुनकर पएर पर खसि पड़ल आ अपन अपराधक क्षमा मंगलक ।
"माफी नहि माँग। जँ तों किछु नीक काज करबें तऽ बुझबौ।" गोनू झा बजलाह।
आ दोसरे दिनसँ मुला पितासँ बहुत रास पाइ लऽ कऽ गाममे दूटा आओर नवका इनार खोदब शुरू कऽ देलक। मुला के एहि बदलल रूप देखि पूरा गाम खुश छल। जखन कखनो लोक एहि लेल मुला कए धन्यवाद दैत छलाह तऽ ओ मात्र एकटा बात कहैत छला – “ई सबटा हमर नव मुखिया गोनू झाक् बुद्धि कऽ कमाल अछि।
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