गुरुवार, 15 जून 2017

अहाँक बिना श्याम केही विधि उतरब पार लिरिक्स - Ahank Bina Shyam Jehi Vidhi Lyrics

श्रीकृष्ण अहाँक मुरलिक ध्वनि सुनि-सुनि मोहित ई संसार।
अहाँक बिना श्याम! केही विधि उतरब पार॥

जन्म लेल देवकी तनय भऽ पिता छला वसुदेव।
कंसक कारागार सोरिगृह के जानत ई भेद॥
बाबा नन्द यशोदा मैयाकेर सुत प्रेम अपार। 
अहाँक बिना श्याम! केही विधि उतरब पार॥

घर-घर चाखी माखन मिसरी, गोपी-गणकेँ  तारी।
ग्वाल-बाल संग गाय चराबी गोवर्द्धन गिरिधारी ॥
वृन्दावन केर कण-कणमे अछिप्रेम अहाँक अपार। 
अहाँक बिना श्याम! केही विधि उतरब पार॥

मारल दुष्ट अनेको, तारल ऋषि-मुनिकेँ यदुनन्दन। 
पापसँ कयलहुँ मुक्त धराकेँ अपने हे दुख भंजन॥
सगरो ब्रजमे पसरि गेल छल कंसक अत्याचार। 
अहाँक बिना श्याम! केही विधि उतरब पार॥

बहुत काज बाँकी अछि एखनहु हे श्री मुरलीधारी। 
घर-घर देखू सिसकि रहल छथि बहुत कुलीना नारी॥
लाज बचाबी भक्तक अपने करथि 'प्रदीप' पुकार। 
अहाँक बिना श्याम! केही विधि उतरब पार॥

गीतकार: मैथिली पुत्र प्रदीप (प्रभुनारायण झा)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !