Janam Bhumi Achhi Mithila Lyrics
जनम भूमि अछि मिथिला सम्हारु हे माँ
कनि आबि अपन नैहर निहारु हे माँ
माँ बच्चे सँ महिमा जनई छी
अम्बे-अम्बे कट हरदम रटई छी
शक्तिशाली अपन महिमा देखाऊ हे माँ
कनि आबि अपन नैहर निहारु हे माँ
अछि बीच भंवर में नाब डुबल
ओकर कियौ ने खबनहारी हे माँ
कनि आबि अपन नैहर निहारु हे माँ
अछि बालक आहाँके दुआरे पर ठार
ओकर विद्या के भरि दीप भण्डार हे माँ
कनि आबि अपन नैहर निहारु हे माँ
रचनाकार: विद्यापति
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !