जय जय भोलेनाथ दिगम्बर, शंकर-शंभु हरे।
हर हर महादेव भोले, बम बम जय शिव-शंभु हरे॥
शूलपाणि डमरूधर शंकर, बाघम्बर पहिरे।
जय गौरीवर, शंभु जटाधर, भक्तक विपत्ति हरे॥
अर्धचन्द्र माथक ऊपर हर! जगतक कष्ट हरे।
सत-रज-तमक त्रिनेत्र त्रिशूली, बसहा बैल चढ़े॥
विश्वनाथ विश्वेस, विश्वम्भर विभव विवेक धरे।
वैद्यनाथ विश्वास प्रदायक भवभयनाश करे॥
सोमनाथ सोमेश्वर, शंकर त्रिपुरेश्वर भोले।
जय केदार कार्त्तिक-गणेशजीक पिता उमावर हे॥
पशुपतिनाथ पिता संसारक, पावन लोक करे।
जय रामेश्वर जगतक ईश्वर, अतुलित ज्ञान धरे॥
गंगाधर, गणनाथ, वासुकी शशिधर हर भोले।
जय हे विद्यापतिक ईष्ट श्रीउग्रनाथ भोले ॥
आशुतोष गुरुदेव त्रिलोकी, कपिलेश्वर भोले।
हैंठी-बालिक, गौरी-शंकर अनुपम रूप धरे॥
विदित विदेश्वर, श्रीसिंघेश्वर, कुसिक कुशेश्वर जे।
भेला त्रिकोणसिद्ध पीठेश्वर, शाक्त्येश्वर भोले॥
रहुआ साधक लक्ष्मीनाथक पारसमणि भोले।
कथवारक मंगलेश 'प्रदीपित' त्रिशूलेश्वर भोले॥
सभकेँ हो कल्याण सतत, सभ भक्तक विपत्ति हरे।
हर हर महादेव भोले, बम बम जय शिव-शंभु हरे ॥
गीतकार: मैथिली पुत्र प्रदीप (प्रभुनारायण झा)
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