शनिवार, 15 जनवरी 2022

माँ के बिना संतान कोना रहतै लिरिक्स - Maa Ke Bina Santaan Kona Rahtai Lyrics

धरती गगन सुरूज चान कोना रहतै,
धरती गगन सुरूज चान कोना रहतै,
मां के बिना संतान कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै,
दूध पिएलहा बेनाम कोना रहतै,
दूध पिएलहा बेनाम कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै…

माँ ममता के दिव्य सरोवर,
पुत्र जलज के रूप मनोहर,
माँ ममता के दिव्य सरोवर,
पुत्र जलज के रूप मनोहर,
कोर खेलेलहा के आन कोना कहतै,
कोर खेलेलहा के आन कोना कहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै…

माँ उलहन उपराग सहै छै,
कोइख में राइख के सुत के सेबै छै,
माँ उलहन उपराग सहै छै,
कोइख में राइख के सुत के सेबै छै,
बिनु जननी जग विधान कोना चलतै,
बिनु जननी जग विधान कोना चलतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै।

लिखल सच्चिदानंद ई गाथा,
अनुरागित अरविंद हे माता,
लिखल सच्चिदानंद ई गाथा,
अनुरागित अरविंद हे माता,
टुकड़ा करेजक अकान कोना रहतै,
टुकड़ा करेजक अकान कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै,
धरती गगन सुरूज चान कोना रहतै,
धरती गगन सुरूज चान कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै,
दूध पिएलहा बेनाम कोना रहतै,
दूध पिएलहा बेनाम कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै,
माँ के बिना संतान कोना रहतै।

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