बम-बम भैरो हो भूपाल
अपनी नगरिया भोला खेबि लगाबऽ पार
कथी केर नाव-नवेरिया, कथी करूआरि
कोने लाला खेबनहारे, कोन उतारे पार
सोने केर नाव-नवेरिया, रूपे करूआरि
भैरो लाला खेबनहारे, भोला उतारे पार
जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार
मोतीचूर के लडुआ चढ़ायब परसाद
हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान
बाबा के कमरथुआ चलै, उठौ घमसान
छोटे-मोटे भैरो लाला हाथीमे गुलेल
शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल
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