भद्र काली हमर कष्ट जल्दी हरु
पुत्र हमहु अहाँ के पड़ल छी गरु
पाठ पूजा नहि जानि कोना हम करू,
चित्त चंचल सदा ध्यान कोना धरु
भद्र काली हमर कष्ट जल्दी हरु
अम्बे हरदम अहिं के जपब हम बरु,
आस माता हमर शीघ्र पूरन करू
भद्र काली हमर कष्ट जल्दी हरु
दिय दर्शन सदा निज भक्तन के बरु,
दीन बच्चाके आशा के पूरण करू
भद्र काली हमर कष्ट जल्दी हरु
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !