Chalu Chali O Ram Jhat Sa Pahiru Kharam
चलू चलू ओ राम, झट सँ पहिरू खराम, चलि कऽ करू गऽ आराम कोबरा घरमे
शोभित ललित पलंग, हीरा मोती लागल दुनू अंग, भय गेलीह सरहोजी संग, कोबरा घरमे
शोभित ललित पलंग, हीरा मोती लागल दुनू अंग, सारि सभ करथि राग-रंग, कोबरा घरमे
शोभित ललित पलंग, हीरा मोती लागल दुनू अंग, कनियां के करू गय संग, कोबरा घरमे
सुनू सुनू यौ सरकार, ई सभ तिरहुतके व्यवहार, सासु धेने छथि केबार, कोबरा घरमे
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