शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2024

जनक किशोरी मोरी भेलखिन बहिनिया हे लिरिक्स - Janak Kishori Mori Bhelkhin Bahiniya He

जनक किशोरी मोरी भेलखिन बहिनिया हे
मिथिला के नाते,
राम जी पहुनमा भेलखिन मोर हे मिथिला के नाते
राम जी पहुनमा भेलखिन मोर हे मिथिला के नाते

सिया सुकुमारी भेलखिन, प्राणहूँ से प्यारी
सिया सुकुमारी भेलखिन, प्राणहूँ से प्यारी
प्राणहूँ से प्यारी हे मिथिले के नाते
प्राण धन कौशल किशोर हे, मिथिला के नाते
राम जी पहुनमा भेलखिन मोर हे मिथिला के नाते...

निरख हृदय के हम, मड़वा बनायब
निरख हृदय के हम, मड़वा बनायब
मड़वा बनायब हे, मिथिले के नाते
दुल्हा दुलहिन चितचोर हे मिथिला के नाते
राम जी पहुनमा भेलखिन मोर हे मिथिला के नाते...

कबहु हृदय के हम कोहबर बनायब
कबहु हृदय के हम कोहबर बनायब
कोहबर बनायब हे, मिथिले के नाते
हास्य रस में होयब विभोर हे मिथिला के नाते
राम जी पहुनमा भेलखिन मोर हे मिथिला के नाते...।

गीतकार: स्नेह लता

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