अंगना में आईब गेली दुर्गा भवानी
मगन भेल इ आय मिथिला के धरती
बहुत जतन सं हम कलश बैसेलियै,
नारियल संग आम्र पल्लव लेलियै,
रंग बिरंगक फूल लोड़ल'लियै,
सजाय लेलियै हम अड़हुल फूलक डाली,
मगन भेल इ आय मिथिला के धरती...
मईट सनलियै हम शिव जी बनेलियै,
मैय्या के संग हम शिव के पूजलियै,
अक्षत चंदन गंगा जल चढ़ा के,
मनाए लेलियै मैय्या भोला के भोरे,
मगन भेल इ आय मिथिला के धरती...
लाले लाल धागा में माला बनेलियै,
मैय्या के गर्दैन में माला पहिरेलियै,
भोग लगाय मा के धूप देखेलियै,
सजाए लेलियै आय लाले रंग चुनरी,
मगन भेल इ आय मिथिला के धरती
तेसर नयन में 'प्रदीप' देखलियै,
त्रिशूली ऊपर में जयंती चढेलियै,
मह-मह भेल सुगन्धित मंदिर,
नमन गेलियै आय मैय्या के बेरी,
मगन भेल इ आय मिथिला के धरती..
गीतकार : मैथिली पुत्र 'प्रदीप'
गायक : राम बाबू झा, पायल मुखर्जी
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