शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025

गाइर ने हम दैछी दूल्हा दे रहलो आशीष लिरिक्स, दूल्हा परिछन - Gair Ne Ham Daichhi Dulha Lyrics

गाइर ने हम दैछी दूल्हा,
दऽ रहलो आशीष यौ
सासुर मे जूनि छाती तनियो -2
राहु लबोने शीश यौ
गाइर ने हम दैछी दूल्हा

गर्दन में तौनी लगबै छी
गरदानि नै अनलौ
नाक धरै छी नाथब तैलै
हाठक बाछा बनलौ
अहाँ के जनमौलन तै लै
बाबू लेलैन फीस यौ
गाइर ने हम दैछी दूल्हा,
दऽ रहलो आशीष यौ

मौसा हरकल मौसी गुरकल
पीसा अहाँ के भरुआ
दूल्हा अहाँ मुदा जूनि रूसियौ
सासु के दुलरुआ
बहिन लै हम घघरी मंगा देब
बाबू लै कट पीस यौ
गाइर ने हम दैछी दूल्हा,
दऽ रहलो आशीष यौ

खेत बेच कऽ साइकिल देलैन
महिष बेच कऽ रेडियो
काका के फेर दोसर बेटी
जेतैन बियाहल कहियो
बरु हम पहिरब गुदरी दूल्हा
जीबु लाख बरीस यौ
सासुर मे जूनि छाती तनियो -2
राहु लबोने शीश यौ
गाइर ने हम दैछी दूल्हा

गीतकार: चन्द्रमनी झा और सवर्ण लता झा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !