बुधवार, 18 अक्टूबर 2023

परबत पहाड़सँ अयलइ एक ब्राह्मण लिरिक्स - ब्राह्मण गीत

Parbat Pahad Se Aayal Ek Brahman Lyrics

परबत पहाड़सँ अयलइ एक ब्राह्मण
यो अहाँ ब्राह्मण बाबू
चलि भेला गंगा स्नान
यो अहाँ ब्राह्मण बाबू,

माय हुनक रोकनि, बाबू परबोधनि
यो अहाँ ब्राह्मण बाबू,

हंटलो ने मानथि ब्राह्मण डंटलो ने मानथि
यो अहाँ ब्राह्मण बाबू,
चलि भेला गंगा स्नान
यो अहाँ ब्राह्मण बाबू,

नहाय सोनाय ब्राह्मण भीड़ चढ़ि बैसला
यो अहाँ ब्राह्मण बाबू,

ताकय लगला सेवक केर बाट
यो अहाँ ब्राह्मण बाबू,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !