गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

रगड़ि-रगड़ि उबटन धिया सेवल लिरिक्स - Ragadi Ragadi Ubatan Dhiya Sewal Lyrics

समदाओन / चन्द्रमणि

रगड़ि-रगड़ि उबटन धिया सेवल
सेहो करेज लगाय
बाँहिक पलनहिं झुलना झुलाओल
सेहो धिया चलि जाय।

फूल फुलायल देखितो मलिनियाँ
दहो-बहो नोरे दहाय
कतेक मनोरथ मनहि जोआओल
सबटा संगहि संग जाय।

हिचुकि-हिचुकि धिया चुप नहि भए रह
आंगन कानथि माय
डोलिया उठाय आगू बढ़ल कहरिया
अहिना युगक युग जाय।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !