शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022

लिली रे : मैथिलीक प्रख्यात साहित्यकार - Writer Lily Ray

मैथिलीक प्रख्यात साहित्यकार (Maithili Litterateur Lily Ray ) लिली रे के जन्म 26 जनवरी, 1933 के मधुबनी जिलाक लालगंज मे भेल छलनी। हुनक पिता पं. भीमनाथ मिश्र ओहि समय के आईपीएस छलैथ। लिली रे के नयहर पूर्णिया जिलाक रामनगर मे छलनी। लिली रे अपन पढ़ाई घर मे रही के केलथी। लिली रे रंगमंच के कलाकार सेहो छलथी। 28 जनवरी, 1945 के हुनक बियाह कटिहार जिलाक कदवा प्रखंड के दुर्गागंज निवासी डॉ. हरेन्द्र नारायण राय सं भेलनि। ओ स्थायी रूप मे सिलीगुड़ी मे रहय छलखिन।

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लिली रे पहिले 20 वर्ष धरि कल्पना शरण नाम सं किताब लिखने छलथि जाहिमे ‘रंगीन पर्दा नामक  एकटा किताब सेहो अछि, जे ओहि समय बहुते चर्चित भेल छल। अहिके उपरांत ओ अपन असली नाम लिली रे नामे लिखनाय शुरू केलथि। 

लिली रे 'मरीचिका' नामक मैथिली उपन्यास के लेखन केलथि। जाहिलेल हुनका 1982 मे साहित्य अकादमी पुरस्कार सं पुरस्कृत कैल गेलनि। एकर अलावा 2004 मे लिली रे के प्रबोध साहित्य सम्मान सेहो देल गेलनि। लिली रे 250 कहानि आ पांचटा उपन्यास लिख चुकल छथिन। जाहिमे मरीचिका उपन्यास के संग पटाक्षेप धारावाहिक, उपसंहार, जिजीविषा, रंगीन परदा, अंतराल, रोगिणी और लाली गुरौंस के नाम प्रमुख अछि। नक्सल जीवन पर आधारित हुनक रचना ‘पटाक्षेप बहुते चर्चित भेल छल। लिली रे मैथिलीक एकटा प्रसिद्ध किताब के अंग्रेजी मे अनुवाद सेहो केने छलथि। 

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मैथिलीक साहित्यकार लिली रे ( Lily Ray Writer ) के निधन 3 फरवरी 2022 के निधन भ गेलनि। हुनकर निधन के मैथिली साहित्य के लेल अपूरणीय क्षति अछि।

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