रविवार, 7 दिसंबर 2025

स्वर्ण सिंदूर दूल्हा धीरे से उठाउ हे लिरिक्स - Savarn Sindur Dulha Dhire Se Uthaoo Lyrics

स्वर्ण सिनूर दूल्हा धीरे सऽ उठाउ हे
दशरथ जी के बबुआ

धीरे धीरे लली के लगाउ हे 
दशरथ जी के बबुआ

लाज ने करू दुलहा हृदय के सम्हारू 
हे दशरथ जी के बबुआ

जल्दी सँ करू सिन्दूरदान हे 
दशरथ जी के बबुआ

कँपैत कर के करू स्थिर हे 
दशरथ जी के बबुआ

लली के हृदय लगाउ हे 
दशरथ जी के बबुआ

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