(छवि साभार - वरुण वर्मा) |
पूर्णिया जिलाक केनगर अंतर्गत मजरा पंचायत के भवानीपुर गांव स्थित माता कामरू कामाख्या करूणामयी छथिन ( Maa Kamakhya Sthan Bhawanipur Majra )। एतय कुष्ठ रोगी के इलाज दैवीय कृपा सं होइत अछि। मान्यता ऐछ जे असम के कामरू कामाख्या मंदिर सं मां एतय आयल छलखिन, बाद मे एतय मुगल काल मे मंदिरक निर्माण कैल गेल छल।
मान्यता छैक जे लगभग साढ़े चाइर सौ वर्ष पूर्व मजरा निवासी भागीरथ झा कर्जक बोझ आ सेठक दबदबा सं तंग छल। उपर सं दुटा कुमाइर कन्या के विवाहक लेल ओतय के फौजदार हुनका पर दबाव बना रहल छल। एहि चिंताक संग ओ असम के कामगिरी पर्वत पर स्थित माता कामरू, कामाख्या स्थान पहुंच गेलाह। हुनकर भक्ति सं प्रसन्न भऽ के देवी माता हुनका साक्षात दर्शन देबय आ संकट हरय के उपाय बतेलनी। हुनका माटीक किछ अवशेष दऽ के पंडित आ सेठ मानिक फौजदार के बीचक दूरी पर स्थापित करबाक सलाह देलथि।
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छवि साभार - जर्नादन मेहता |
भागीरथ झा नंग-धड़ंग पैदले भवानीपुर पहुंचलैथ आ ओ मिट्टी स्थापित कऽ पूजनोत्सव शुभारंभ कऽ देलैथ। एहिके उपरांत भागीरथ झा शक्तिरूपा माता के आदेशानुसारे अपन दुनु कन्या के विवाह मानिक फौजदारक संग करबाक संदेशा भेज देलैथ। मानिक फौजदार बरियाती लऽ के देवी माता स्थान धरि पहुंचते माता के माया रूपी खेल शुरू भऽ गेलनि।
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जाहिसँ सबटा बरियाती आपसे मे खूनी लड़ाई होमय लागल। देखिते-देखिते सबटा बरियाती सहित क्रूर सेठ मानिक फौजदार सेहो मइर गेल। तहन पंडित भागीरथ झा के ओतय सब मंगदिन के विधिवत पूजन करबाल आदेश भेटलनि। ओतय पंडित के दुनु कन्या श्यामा आ सुंदरी देवी माता के स्थान सं सटल पूबक धरती मे समा गेलीह। अखनो भी माता मंदिर सं सीधे उत्तर जाय बला सड़क कल्याणपुर मार्ग मे सेठ मानिक फौजदार गढ़ के टीला अवस्थित अछि। एहन मान्यता ऐछ जे सब मंगलदिन के असम स्थित माता कामरू कामाख्या मंदिर के दरबाजा दुपहर मे बंद रहैत अछि। एतय आबय बला सब श्रद्धालु माता के पूजनोत्सव के संगे-संग सती श्यामा सुंदरी, मानिक फौजदार, हनुमान मंदिर, शिव परिक्रमा अवश्य करैत अछि।
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