शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

पूर्णिया जिलाक इतिहास अहाँ नै जानैत हेबय

पूर्णिया शहर बिहारक महत्वपूर्ण शहर में सँ एक अछि। पूर्णिया जिलाक स्थापना 14 फरवरी 1772 मे अंग्रेज केने छल। सौरानदी के पूर्वी तट पर स्थित इ जिला 248 साल पुराना अछि। पूर्णिया जिलाक नाम पूरण देवी मंदिर सँ परल अछि और किछ लोग मानय छैथ जे पूर्णिया जिलाक नाम बेसी जंगल भेला सँ परल ऐछ।

पूर्णिया जिलाक 1990 मे बटवारा भेलाक बाद पूर्णिया अररिया किशनगंज और बाद मे बटवारा भेला के बाद स्वतंत्र जिला बनल। पुरनिया के उत्तर मे नेपाल दक्षिण मे गंगा नदी पछिम मे कोशी प्रमंडल और पूब मे पश्चिम बंगाल अछि। पूर्णिया मुख्य रूप सँ प्रसिद्ध अछि। मेडिकल हब और ऐतिहासिक मंदिर मस्जिद के लेल। लाइन बाजार जे चिकित्सा के लेल पूरा मिथिलांचल मे अलग पहचान बनने अछि। पूर्णिया मे प्रसिद्ध मंदिर पूरण देवी मंदिर सिटी मंदिर, पंचमुखी मंदिर इत्यादि ऐछ संगे संग लाइन बाजारक मस्जिद सीमांचल मे अपन अलग पहचान बनाबय अछि। अहि जिला मे ख्याति प्राप्त साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु केर जन्म भेल छलनी। फणीश्वर नाथ रेणु केर किताब पर कतेको फिल्म बनल छनि, तीसरी कसम हिनके उपन्यास पर बनल फिल्म अछि।
पूर्णिया जिला कला संस्कृति के लेल सेहो जानल जाइत अछि और पूर्णिये मे प्रसिद्ध अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जन्म भेल छनि प्रसिद्ध अभिनेता गुरमीत चौधरी अपन पढ़ाई अहि जिला सं केने छलथि। पूर्णिया जिला के राजनीतिक इतिहास सेहो बिहार मे विषय बनाबैत रहैत अछि। इ जिला बिहार के एकटा मुख्यमंत्री देलक जिनकर नाम भोला पासवान शास्त्री छलनी जे बिहार के बेहतरीन मुख्यमंत्री मे सं एक छलाह। पुरनिया  विधानसभा स्पीकर सेहो देलक हिनकर नाम बी पी मंडल छलनी। 

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करीब ढाई सौ साल पुरान जिला पुरनिया ऐतिहासिक धरोहर सं परिपूर्ण अछि। इ  पुरनिया अपन समृद्धि संस्कृति विरासत और पुरातन लोक परंपरा के लेल विख्यात रहल अछि। महाभारत काल सं ल के स्वतंत्रता काल धरि बनैत-बिगरैत इतिहास मे पूर्णिया के महत्वपूर्ण योगदान रहल अछि। 
एकर नामकरण के ल क कतेको धारणा अछि। जाहिमे तीनटा तर्कसंगत मानल जाइत अछि।आयो पूर्णिया जिला के हरल-भरल वृक्ष सं घेरल भेनाइ, यैह बन'क कारण पूर्ण अरण्य सं बदलल गेल नाम पूर्णिया मानल जाइत अछि। दोसर धारणा इ अछि जे एतय पौराणिक काल मे पूर्ण वर्धन राजा छलथि जिनका नाम सं एकरा पुरनिया कहल जाई लागल छल तेसर मान्यता इ अछि जे एतय असंग ताल-तलैया मे पूरनक पत्ता छायल रहैत जाहिसँ अहि क्षेत्र के नाम पूर्णिया प्रचलन मे आबि गेल। ओना कतेको लोग माननाय अछि जे पूर्णिया के नाम पूरण देवी मंदिर के नाम पर पड़ल अछि। 

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ओना महाभारतकालीन मे इ क्षेत्र मत्स्य राजा विराट केर अधीन छल। पूर्णिया सं ६० किलोमीटर दूर किशनगंज मे ठाकुरगंज राजा विराट के राजधानी छल। सातवीं शताब्दी सं ल के ११ वीं शताब्दी धरि पाल वंशी एवं सेन वंशी बंग देश के राजा पूर्णिया पर शासन केलक।१२वीं शताब्दी मे बख्तियार खिलजी अहि क्षेत्र पर कब्जा केलक एतय सं मुस्लिम शासन के आरम्भ भेल।

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