सोमवार, 27 अक्तूबर 2014

देशक बारह सूर्य मंदिर में एक अछि सहरसा, कन्दाहा के सूर्य मंदिर

मिथिला धरोहर : सहरसा जिलाकऽ  कन्दाहा (बारा ग्रामपंचायत) में स्थापित मार्कण्डेयार्क सूर्य मंदिर भारतकऽ प्रसिद्ध बारह सूर्य मंदिरों मे सँ एक अछि। भारतक १२ टा सूर्य मंदिर में सँ छह टा सूर्य मंदिर बिहार में स्थापित अछि। कोणार्क (उड़ीसा, जगन्नाथपुरी) आ देवार्क (हरियाणा) में स्थापित सूर्य मंदिरकऽ तुलना एही मंदिर सँ लोग करैत अछि। 
ओना तऽ एतय सब दिने भक्तकेँ भीड़ रहैत अछि, मुदा सूर्योपासनाकऽ महा पर्व छैठ पावनि मेंं एतय श्रद्धालु केँ तांता लागल रहैत अछि। पौराणिक ग्रंथ में एही मंदिरकऽ बारे में उल्लेख कैल गेल अछि जे भगवान श्रीकृष्ण  केर पुत्र आर्यावर्त केँ विभिन्न भाग में नक्षत्र के बारह राशिकऽ अवधि में सूर्य मंदिर केे स्थापना केलैथ।

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कहल जैत अछि जे इ कार्य नारद मुनि के श्राप सँ मुक्ति के लेल ओं केने छलथि। इहो कहल जैत अछि जे सूर्य मंदिर के पुर्ननिर्माण पाल वंशीय राजा करवौने छलथि। एकटा ताम्र अभिलेख मे इहो कहल गेल अछि जे ओइनवारा वंश के राजा नरसिंह देव के आदेश पर वंशधर नामक ब्राह्मण सन १३५७ ई० में एकर निर्माण करवौने छलथि। एही मंदिर के बारे में बुजुर्गक कहव छनि जे बारहवीं शत्ताबदी में मिथिला पर नरसिमहा देव के शासन छलनि, इ करनाता केँ राजा छलथि।
मन्दिर निर्मान के किछु समय उपरांत मिथिला पर मुगलक शासन भेल। कालापहद नामक मुगल शासक एही मन्दिर के तोरैय के प्रयास केलक मुदा ओं एही में सफल नै भेला। कंदाहा सूर्य मंदिर के नाम भावदित्य केर रूप मे सेहो जानल जाईत छनि, मुदा पौराणिक नाम मार्कण्डेयार्क छनि। कन्दाहा में ऊंच टीला पर बनल मंदिर में कारी शिला पर सूर्य केर प्रतिमा सातटा घोडाक रथ पर सवार अछि। सूर्य मंदिर के बगल में एकटा कूप सेहो अछि। १९९२ में पुरातत्व विभाग कन्दाहा सूर्य मंदिर केँ अधिग्रहण 'सुरक्षित स्मारक' रूप में केलनि।
कंदाहा सूर्य मंदिर प्रांगण में स्थित ईनार (कुंआ) क पैइन केँ उपयोग सिर्फ पूजा केँ लेल नै होईत अछि बल्कि एही पैइन सँ शरीरक बहुते व्याधि क नाश होईत अछि। औषधीय गुण सँ युक्त एही ईनरक पैइन सँ स्नान करै आ पैइन ल जाअ केँ लेल कोसी अंचले नै नेपाल, बंगाल आ दोसरो ठाम सँ लोग पहुंचैत अछि। कंदाहा क टीला बहुते ऐतिहासिक, पुरातात्विक धरोहर केँ समेटने अछि। Surya Mandir Saharsa Kandaha.

शनिवार, 11 अक्तूबर 2014

Maithili Film Jehne Saaus Tehne Putauh Maithili - जेहने साउस तेहने पुतौह मैथिली फिल्म

गाम होय या शहर सभ घर में साउस, पुतौहकऽ झागरा आम बात भऽ गेल अछि। असल जिनगी म इ दृश्य ओतेक निक नै लागैत अछि, मुदा स्क्रीन पर साउस, पुतौहक लड़ाअ-झगरा आ नोक-झोक सेहो मैथिलि भाषा में भेटय त हास्य दृश्य देखय केँ मजा किछ ऑउरे होईत अछि।

से अपने सभकऽ समक्ष तेहने एकटा मैथिलि फ़िल्म आबि रहल अछि जेकर नाम ऐछ "जेहेन साउस तेहने पुतौह" दू टा अलग-अलग घरकऽ साउस, पुतौहक आदर-सम्मान, नोक-झोक केँ फुल कॉमेडी केँ संगे भावुक दृश्स सेहो राखल गेल अछि। इ फ़िल्म एकटा पारिवारिक फ़िल्म अछि। दर्शक लेल एही सोनेमा में निक गीत संगीतक संगे कॉमेडी, इमोशनल दृश्य, प्यार, तकरार आदि देल गेल अछि।

प्लेबैक एंटरटेंमेंट एंड मीडिया प्रोडक्शनक बैनरक अधीन बनल "जेहेन साउस तेहने पुतौह" क निर्माता छैथ- अनिल कुमार झा (सुमन जी), निर्देशक आ पाठ कथा लिखने छैथ- चन्दन मिश्रा, आ संगीत देने छैथ - विकाश विभूति, राहुल मिश्रा। फ़िल्म में मुख्य भूमिका में छैथ- माधव राय, मुस्कान त्रिपाठी, उषा पासवान, रीना यादव, अनिल झा, पूनम मिश्रा, मीरा झा आदि। सम्भावना अछि जे एही फ़िल्म केँ फरवरी, २०१५ में रिलीज कैल जायत।

शुक्रवार, 3 अक्तूबर 2014

पांच बेरा दरभंगा आयल छलखिन महात्मा गाँधी

मिथिला धरोहर, दरभंगा : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी केँ दरभंगा सँ बहुते लगाव छलनी। देशक आजादीकऽ दौरान पांच बेर एतय आयल छलथि। कांग्रेसक इतिहास आ चरखा संघ'क इतिहास नामक पुस्तक में वर्णित तथ्य'कऽ मुताबिक बापू पहिल बेरा वर्ष 1920 में असहयोग आंदोलनक दौरान दरभंगा आयल छलखिन। ओहि समय दरभंगा राज केँ राजा रमेश्वर सिंह छलथि। गांधीजी हुनका सँ कांग्रेसक सदस्य बनवा'कऽ अनुरोध केने छलखिन। तत्कालीन ब्रिटिश कालीन व्यवस्था'कऽ देखैत राजा कांग्रेसक सदस्यता ग्रहण करवा सँ इन्कार कऽ देलैथ, मुदा ओ गांधीजी जी केँ एक लाख रुपया के गुप्त दान देलैथ, ताकि आजादी के झगड़ाकऽ आगु बढ़ायल जा सकय। ओ नेशनल स्कूल सेहो गेल छलाह। तेकर बाद ओं वर्ष 1927 में आंदोलनक सिलसिला में दरभंगा आयल ऑउर अतय अनाथालय के स्थापना केलैथ। जे आय पूअर होमक रूप में जानल जाइत अछि।

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● मां पीताम्बरी बगलामुखी सिद्ध पीठ, मुजफ्फरपुर

एकर बाद 1934 में भीषण भूकंपक बाद एलखिन, हुनका संगे पंडित जवाहर लाल नेहरू, यमुना लाल बजाज, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, आचार्य जेडी कृपलानी आदि सेहो आयल छलथि। भीषण संकटक बादो मिथिलाक लोग ब्रिटिश सरकार आ कांग्रेसक ओर सँ देल जा रहल राहत लेवा सँ मना कऽ देने छला। इ देख गांधीजी दंग भऽ गेल छला। हुनका आग्रह पर भूकंप पीड़ित राहत लेनाय शुरू केने छल। फेर भूकंप पीड़ितक व्यथा जानय केवटी कऽ छतवन (देवी लाल पोखर) कऽ पास गेल छलथि, जे आय गांधी चौकक रूप में जानल जाइत अछि। वर्ष 1934 सँ 1942 कऽ दौरान ओं दू बेरा दरभंगा आयल छलथि। अहि दौरान दरभंगा राजक यूरोपियन गेस्ट हाउस मे रुकल छलथि। जे आय गांधी अतिथिशाला के रूप में जानल जाइत अछि।

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एखनो अछि मगन आश्रम
महात्मा गांधी के बेटा मगन गांधी केर नाम पर आयो भी जिला कऽ हायाघाट प्रखंडक मझौलिया मे मगन आश्रम अछि। जंगे आजादी के सिलसिला म ओं महिला विद्यापीठ आयल छलथी। वर्ष 1948 मे हुनक निधन भऽ गेलनि, जे आय मगन आश्रमक रूप मे जानल जाइत अछि।

Tags : Mahatma Gandhi  Magan Ashram  दarbhanga