सोमवार, 22 मई 2023

सीता के सकल देखी लिरिक्स - Sita Ke Sakal Dekhi Lyrics

सीता के सकल देखी 
झाँखथिन जनकजी रिषि
आब सीता रहली कुमारी गे माई
आऽबऽ हे वशिष्ट मुनि दिनमा विचारहु
सीता के लगन बड़ उताहूल गे माई
गाय के गोबर, अंगना निपायल
सोनमा के कलश गरायल के माई

आबहो बजनिया भईया बजबा बजाबहु
सीता के होइता बियाह गे माई
दान करय लऽ बैसलन, दान करय लऽ बैसलन
बाबा जनक ऋषि
मोती जंका झहरय नोर गे माई

बेटबा जे रैहिता बेटी खेलिते बियाहितौं
बेटी के बियाहल ने जाय गे माई
सोनमा जे रिहिता बेटी फेर सं गरहबीतौं
सिनुर फेरल नही जाई गे माई
सिनुर फेरल नही जाई गे माई

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