शनिवार, 27 जुलाई 2019

गौरी पूजब काल के गीत - मैथिली गौरी पूजा गीत लिरिक्स - Maithili Gauri Geet Lyrics

फूल लोढ़य गेली गौरी - Maithili Lokgeet

फूल लोढ़य गेली गौरी माली फुलबारी
दस-पाँच सखि गौरी लेल संग साथी
बसहा चढ़ल आबय शंकर भिखारी
ककर अलारी, ककर दुलारी
ककरा हुकुमे अयली फुलबारी
भैया के अलारी गौरी, बाबा के दुलारी
अम्मा के हुकुमे गोरी, अयली फुलबारी
एक खोंइछा लोढ़ल गौरी, अयली फुलबारी
एक खोंइछा लोढ़ल गौरी, दुइ खोंइछा लोढ़ल
तेसर लोढ़इते गौरी गेली रिसिआइ
कि शिव फुल देलनि छिड़िआइ
कनइते खिजइते गौरी अम्मा आगू ठाढ़ भेली
के तोरा मारल, के पढ़ल गारि
के तोरा आहे गौरी देल फूल छिड़िआय
हमरो मुख अम्मा कहलो ने जाइ
के छिड़िआओल फूल, कहितो लजाइ
बसहा चढ़ल एक आयल भिखारी
बएह बुढ़ा बाजल-भूखल, कयल झिकझोर
लोढ़ल फूल सेहो अम्मा, देल छिड़िआइ


फूल लोढ़न चलू फुलबरिया - Maithili Lokgeet

सखी फूल लोढ़न चलू फुलबरिया
सीता के संग सहेलिया
सखी फूल लोढ़न चलू फुलबरिया
सीता के संग सहेलिया

केओ आगाँ चले केओ पाछा चले - 2
चले बीचहिमे जनक दुलरिया
सीता के संग सहेलिया...

केओ बेली लोढ़य केओ चमेली लोढ़य - 2 
केओ लोढ़य अड़हूल केर कलिया
सीता के संग सहेलिया...

केओ गौरी पूजय केओ गिरिजा पूजय - 2
केओ पूजय जनक जी के बगीया
सीता के संग सहेलिया
सखी फूल लोढ़न चलू फुलबरिया
सीता के संग सहेलिया

इहो पढ़ब:-


चलू सखि गौरी पूजन - Maithili Lokgeet

चलू सखि गौरी पूजन, जनक जी के बागमे
दस सखि आगू चलय, दस सखि पाछू चलय
बीचमे सिया सुकुमारी, जनक जी के बागमे
बाटेमे भेटि गेला फल्लां दुलरुआ
धय लेल अंगुरी के पोर, जनक जी के बागमे
जँ तोहें आहे सिया, वारि कुमारि
चलहु हमरहुँ संग, जनक जी के बागमे

गौरी पूजन चलली सीता - Maithili Lokgeet

गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हे
पिता के नगरिया सिया, जनक दुअरिया हे

हाथकऽ लेली फूलक डाली, सिन्दूर केर पुड़िया हे
गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हे

हाथ कऽ लेली मधुर खांड़, लाल अड़हुल केर कलिया
गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हे

बेलपत्र सभ तोड़थि सखिया, अपने अड़हूल कलिया
गौरी पूजन चलली सीता, पिता के नगरिया हे


देखैत गेन्दा बड़ लाल गे मलीनियां - Maithili Lokgeet

देखैत गेन्दा बड़ लाल गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
किनकर बाड़ी बेली चमेली - 2
किनकर बाड़ी गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल

शिवजी के बड़ी बेली चमेली - 2
गौरी केर बाड़ी गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल

कथीए लोढ़ब बेली चमेली - 2
कथीए लोढ़ब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल

आँचरमे लोढ़ब बेली चमेली - 2
फांगड़मे लोढ़ब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल

किनका चढ़ायब बेली चमेली - 2
किनका चढ़ायब गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल

शिवकेँ चढ़ायब बेली चमेली - 2
गौरी चढ़एबनि गुलाब गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल

किनकासँ मांगब अनधन लछमी - 2
किनकासँ माँगब सोहाग के मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल

शिवजीसँ माँगब अनधन लछमी - 2
गौरीसँ माँगब सोहाग गे मलीनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल
देखैत गेन्दा बड़ लाल के मलिनियां
देखैत गेन्दा बड़ लाल


सीता दाइ दुलारी प्रेम के प्यारी - Maithili Lokgeet

सीता दाइ दुलारी प्रेम के प्यारी
हे अहाँ पूजू गौरी
कहथि सीता दाइ सुनू हे सुनयना
किये लए गौरी हम पूजब
से अहाँ कहिए दीअ ना
जल लीअ फूल लीअ और बेलपत्र लीअ
लाल कमल लीअ हाथ यो
से अहाँ पूजू गौरी
धूप लीअ दीप लीअ और नैवेद लीअ
लाल सिन्दूर लीअ हाथ
हे अहाँ पूजू गौरी
कहथि सीता दाइ सुनू हे सुनयना
किये हम गौरीसँ माँगब
से अहाँ कहिए दीअ ना
सासु ससुर माँगब वीर देओर माँगब
कन्त माँगब श्रीराम
हे अहाँ पूजू गौरी


गौरी पूजि लीअ जनक भवनमे - Maithili Lokgeet

गौरी पूजि लीअ जनक भवनमे
हे सुकुमारी सिया
पूजि पूजि मांगू अहिबात
हे सुकुमारी सिया

एक हाथ लीअ सीता फूल केर डलिया
हे सुकुमारी सिया
दोसर हाथे गौरी पूजू आजु
हे सुकुमारी सिया

जाहि लए सभ दिन जप-तप कयलौं
हे सुकुमारी सिया
सेहो वर भेटला भगवान
हे सुकुमारी सिया
गौरी पूजि लीअ जनक भवनमे
हे सुकुमारी सिया
पूजि पूजि मांगू अहिबात
हे सुकुमारी सिया


पहिल पहर गौरी पूजल - Maithili Lokgeet

पहिल पहर गौरी पूजल
वर मांगल हे
आहे ऋषि जनक सन बाप
कि माय सुनयना रानी हे

दोसर पहर गौरी पूजल
इहो वर मांगल हे
आहे मांगल दशरथ सन ससूर
कि सासु कौशिल्या रानी हे

तेसर पहर गौरी पूजल
इहो बर मांगल हे
मांगल रामचन्द्र सन कन्त
देओर बाबू लछुमन हे

चारिम पहर गौरी पूजल
इहो वर मांगल हे
मांगल जनकपुर नैहर
कि सासुर अयोध्या सन हे

पांचम पहर गौरी पूजल
इहो वर मांगल हे
मांगल लव-कुश सन पुत्र
कि सेवक श्री हनुमान हे

इहो पढ़ब:-


3 टिप्‍पणियां:

अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !