मिथिला में परिछन काल गाओल जाय बला मैथिली लोकगीतपरिछन चलियौ सखी, सुन्दर जमैया हदूल्हा अवध किशोर हे परिछन चलु सखियाबहिना गे कोना क परिछब सियाजी के बरकओने नगरिया सऽ एलै सुन्दर दुलहामोहि लेलखिन सजनी मोरा मनवाबड़ सुंदर लागे दुल्हा के सुरतियाअहाँ केर बाबू दुलहा बहुत लेलनि गनायकहु कहु घनश्याम अपने के कीये अछि नामपरिछन करय हरषि चलू सजनी गेबड़ा भारी जुलुम केलौं हे मेनाआयल छथि दुलहा जनकजी के द्वारसोना के डाला लय चलली सोआसिन हे निंदिया के मातल दुल्हा झुकि झुकि जाइ हेरघुवर के नैना रसीले हो परिछन चलु आनुदूल्हा श्यामला मुखवा पर धयने रुमालचलु देखु भरि नयना नवल दूल्हारानी सुनैना के सुंदर जमाईआबु आबू आबू दुल्हा अंगना हमार हे◆ कनियाँ परिछन गीत लिरिक्सनोट : उपर तीरक आगू परिछन गीतक मुखड़ा अछि, अहाँके जे गीत पढबाक ऐछ कृपया ओहि पर क्लिक करू। इहो पढ़ब :- ● सांझ गीत - मैथिली लोकगीत● गौरी पूजब काल के मैथिली लोकगीत
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