रघुवर के नैना रसीले हो
परिछन चलु आनु
धन्य राजा जनक, जनकपुर नगरी
धन्य-धन्य सिया दुलारी हो
परिछन चलु आनु....
राम जी के भईले सिया सुकुमारी
जोड़ी है जग से निराली हो
परिछन चलु आनु....
राम जी के माथे मौरी सोभे
सिया जी के चूनर लाली हो
परिछन चलु आनु....
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रघुवर के नैना रसीला हे
चलु परिछन सखिया
धन्य राजा जनक, जनकपुर वासी
धन्य-धन्य सिया दुलारी हे
चलु परिछन सखिया....
अक्षत, धन, दुभ लऽ लियै थारि
मंगल गावत नारी हे
चलु परिछन सखिया....
कंचन थार कपूरक बाती,
आरती करत सुकुमारी हे
चलु परिछन सखिया....
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