शुक्रवार, 30 जनवरी 2015

आयल छथि दुलहा जनकजी के द्वार लिरिक्स - Aayal Chhathi Dulha Janakji ke Dwar

परिछन गीत 

आयल छथि दुलहा जनकजी के द्वार
चलू सब परिछन राजकुमार
आयल छथि दुलहा जनकजी के द्वार
चलू सब परिछन राजकुमार

डाला बीच साँठि लियऽ चानन काजर
पानक खिल्ली लियऽ अति सुन्दर
आओर जे लियऽ सखि चाउर पिठार
चल सब परिछन राजकुमार

हाथमे शोभनि सोनक कंगन
माथमे शोभनि हीरा - मोतीक मौर
गला बीच शोभनि पुष्प हार
चलू सब परिछन राजकुमार

गाबथि स्नेहलता सुनू ए सुनयना
वरकेँ परीछि कए लऽ चलू अंगना
अहिठाम भेल आब विध व्यवहार
चलू सब परिछन राजकुमार

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