पारम्परिक मैथिली विवाह गीत लिरिक्स
निंदिया के मातल दुल्हा झुकि झुकि जाइ हे
कहाँ गेलै माई सुनैना परिछु जमाई हे
कांचेहि बांस केर डलवा बुनाई हे
चानन काजर धरि परिछन जाइ हे
जेहने हमर धिया तेहने जमाई हे
दुल्हा के देखी-देखी नैना जुराइ हे
सोने के कलशिया में कलशा धराइ हे
दुल्हा के परिछु सखि नाक दबाई हे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अपन रचनात्मक सुझाव निक या बेजाय जरुर लिखू !