परिछन लोकगीत
बहिना गे कोना क परिछब सिया जि के बर के
लगैय हमरा डर गे ना।
बहिना गे कोना क परिछब सिया जि के बर के
लगैय हमरा डर गे ना।
बरके बापके पाकल दाढि,
हुनका तीन तीनटा महतारि
बरके बापके पाकल दाढि,
हुनका तीन तीनटा महतारि
बरके देखिके हमरा बुझाइय चित चोर गे,
लगैय हमरा डर गे ना।
बर छैथ बचपन सौ धनुष धारी
उ त बनौलन पथल के नारी
बर छैथ बचपन सौ धनुष धारी
उ त बनौलन पथल के नारी
हिनका देखिते देखिते भगेल साँझ स भोर गे,
लगैय हमरा डर गे ना।
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